सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में सुनवाई बुधवार को पूरी कर ली और फैसला सुरक्षित रख लिया. संविधान पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर छह अगस्त से रोजाना 40 दिन तक सुनवाई की. इस दौरान विभिन्न पक्षों ने अपनी अपनी दलीलें पेश कीं. संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुये संबंधित पक्षों को ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिये तीन दिन का समय दिया. इस मामले में दशहरा अवकाश के बाद 14 अक्टूबर से अंतिम चरण की सुनवाई शुरू हुयी.
अयोध्या मामले (Ayodhya Case) की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 40 दिन तक चलने के बाद खत्म हो गई है. सुप्रीम कोर्ट नवंबर में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद फैसला सुनाएगा. सूत्रों के मुताबिक मध्यस्थता पैनल ने भी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. इसमें एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि सुन्नी वक्फ़ बोर्ड (Sunni Waqf Board) सरकार को जमीन देने को तैयार हो गया है. साथ ही वक्फ बोर्ड दूसरी जगह मस्जिद बनाने के लिए भी तैयार है.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 40 दिन तक चली अयोध्या मामले (Ayodhya Case) की सुनवाई पूरी हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में फैसला सुरक्षित रखा लिया है. नवंबर में सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा. इस बीच BJP सांसद साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj) ने राम मंदिर निर्माण (Ram Temple Construction) को लेकर बड़ा बयान दिया है.
सुनवाई के 40वें दिन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कुछ अन्य अर्जियों पर सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि अब बहुत हो गया, इस मामले में सुनवाई आज ही पूरी होगी. हम पांच बजे उठ जाएंगे.
धवन ने माना कि पुरातात्विक साक्ष्य को प्रमाणित किया जा सकता है. हालांकि, इससे पहले पुरातत्व को मुस्लिम पक्षकारों ने एक सामाजिक विज्ञान के रूप में माना था और उसे खारिज कर दिया था. धवन ने कहा कि ASI रिपोर्ट में कभी ये नहीं कहा गया कि मंदिर को तोडकर मस्जिद बनाई गई. इस जगह पर हमेशा मुस्लिमों का कब्जा रहा. हिंदुओं ने बहुत बाद में जमीन के टाइटल का दावा किया लेकिन उसे खारिज कर दिया गया. उन्होंने 1934 से प्रतिकूल कब्जे का दावा किया जिसके लिए कोई सबूत नहीं है.
बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर मध्यस्थता की कई कोशिशें हुई और पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसमें ये सोच कर के शिरकत की कि शायद न्याय पर आधारित कोई हल निकल आए. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद अब ये साफ हो गया है कि अब किसी तरह की मध्यस्थता या समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के रद्द होने की तरह ही राम मंदिर का निर्माण भी जल्द ही एक हकीकत होगा.
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई कर रहे लखनऊ की विशेष कोर्ट के ट्रायल जज ने सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरबाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती आरोपी हैं. इन तीनों के अलावा, उच्चतम न्यायालय ने पूर्व भाजपा सांसद विनय कटियार तथा साध्वी रितंभरा पर भी 19 अप्रैल 2017 को षड्यंत्र के आरोप लगाए थे. इस मामले में तीन अन्य रसूखदार आरोपियों गिरिराज किशोर, विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल और विष्णु हरि डालमिया की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई.कार को जज के आग्रह पर विचार करने और हलफनामा दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो हफ्ते में यूपी सरकार जवाब दे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही आडवाणी, उमा भारती समेत कई नेताओं पर बाबरी मस्जिद गिराने की साजिश का मामला चल रहा है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बालियान खाप (रघुवंशी गोत्र) के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता बुलाते हुए खुद को राम का वंशज बताया है. उनका कहना है कि असली राम के वंशज बालियान खाप है, जिनका गोत्र रघुवंशी है और यहां उनके 84 गांव हैं जिसके वह मुखिया हैं.
15 अगस्त को RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दुर्लभ तरीके से बेहद उदार शब्दों में अनुच्छेद 370 को हटाकर कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के लिए प्रधानमंत्री की सार्वजनिक रूप से सराहना की. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के चुनावी नारे का इस्तेमाल करते हुए RSS के सरसंघचालक ने कहा, "अनुच्छेद 370 इसलिए गया, क्योंकि मोदी है, तो मुमकिन है..."