"मेरे बच्चों का वजन बहुत कम हो गया है, भूख उन्हें रात में जगा देती है. मैं खान यूनिस में अपने घर लौटने पर विचार कर रही हूं, बावजूद इसके कि वो इजरायल और हमास के बीच लड़ाई का केंद्र है. भूख से मरने से बेहतर है घर पर शहीद होकर मरना."
पिछले 48 घंटे में गाजा पर इजरायल के हमलों में 390 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 734 जख्मी हुए हैं. ये जानकारी गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी की गई है. पिछले 48 घंटों में जो हमले हुए हैं उनमें खान यूनुस के पूरब के अबासान अल कबीरा में की गई बमबारी शामिल है. अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें दो फिलिस्तीनियों की मौत हुई है.
इजरायली सैन्य प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा, "संघर्ष विराम खत्म होने के बाद से, हमारी सेना ने हवाई, जमीन और समुद्र के रास्ते 2,000 से अधिक आतंकवादियों (Israel Gaza War) को मार गिराया है."
संयुक्त राष्ट्र के मैनहट्टन मुख्यालय में गाजा में बिगड़ती स्थितियों की पृष्ठभूमि पर बहस हुई, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सहायता की अनुमति देने के लिए इज़राइल के कदम बढ़ती ज़रूरत से "बहुत कम" थे.
हरियाणा सरकार ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि ट्रैवल एजेंट लोगों को दूसरे देशों में नौकरी की पेशकश करके लूट नहीं सकें और अगर मजदूर ऐसा करने में सहज नहीं हैं तो उनके लिए इज़रायल जाने की कोई बाध्यता नहीं है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बताया कि इजरायली पीएम नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री मोदी से टेलीफोन पर बात की. नेतन्याहू ने पीएम मोदी को इजरायल-हमास संघर्ष में हाल के घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी.
फिलिस्तानी अथॉरिटी के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इज़रायल की सेना के हमले में वेस्ट बैंक में पांच फिलिस्तीनियों की मौत हुई है. इजरायल की तरफ़ से नुर शम्स शरणार्थी शिविर पर हवाई हमला किया गया. इस हमले की जद में आए पांच लोगों को अस्पताल ले जाया गया. पहले तीन की मौत की ख़बर आई लेकिन बाद में दो और लोगों ने दम तोड़ दिया.
"सैनिकों को लगा कि यह हमास का एक जाल है. इस डर से सैनिक ने गोली चला दी और चिल्लाया, "आतंकवादी!" गोलीबारी में तीन में से दो लोगों की मौत हो गई. तीसरा घायल हो गया और इमारत में वापस भागने में सफल रहा."
Israel Hamas War: सेना ने बंधकों में से दो की पहचान योतम हैम, जिसे हमास के 7 अक्टूबर के हमले के दौरान किबुत्ज़ कफ़र अज़ा से बंधक बनाया था और समेर अल-तलाल्का के रूप में हुई है. अल-तलाल्का को किबुत्ज़ निर अम से अगवा किया गया था.
इजरायली सेना ने कहा कि उसके सैनिकों ने शुक्रवार को तीन बंधकों को "गलती से" खतरा समझकर गोली मार दी, जिनसे उनकी मौत हो गई.