इजरायली सेना ने कहा कि उसके सैनिकों ने शुक्रवार को तीन बंधकों को "गलती से" खतरा समझकर गोली मार दी, जिनसे उनकी मौत हो गई.
वाशिंगटन ने इजरायल के रक्षा के अधिकार का पुरजोर समर्थन किया, लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि फिलिस्तीनी क्षेत्र (Israel Gaza War) में बढ़ते नागरिक हमलों की वजह से करीबी सहयोगियों के बीच दरार बढ़ गई है.
डेविड बार्निया की कतर यात्रा रद्द होने से कई इजरायली (Israel Gaza War) परिवार नाराज हैं और वह इसका जवाब मांग रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम उदासीनता और गतिरोध से तंग आ चुके हैं."
अपने प्रमुख समर्थक अमेरिका के बढ़ते दबाव के बीच इजरायल ने बुधवार को गाजा युद्ध को "अंतरराष्ट्रीय समर्थन के साथ या उसके बिना" जारी रखने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया. सात अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास द्वारा इज़रायल पर अभूतपूर्व हमलों के जवाब में शुरू किया गया युद्ध अब अपने तीसरे महीने में प्रवेश कर चुका है. इज़रायली अधिकारियों का कहना है कि हमास के हमले मे 1200 लोग मारे गए थे.
जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने कहा है कि यह प्रक्रिया सुरंगों को नष्ट करने में मदद कर सकती है, जहां इज़रायल का मानना है कि आतंकवादी समूह बंधकों, लड़ाकों और हथियारों को छिपा रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को कहा कि इजरायली सरकार फिलिस्तीनियों के साथ दो-राज्य समाधान के विरोध में है. उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से प्रशासन को "बदलने" का आग्रह किया.
फर्स्ट लेफ्टिनेंट ईडन राम ने वेबसाइट Oct7.org पर एक इमोशनल पोस्ट लिखा है. यह वेबसाइट जंग में जिंदा बचे लोगों की कहानियों का कलेक्शन रखती है.
हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक गाजा में इजरायली हमलों में 17,487 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे.
Israel Hamas War: सऊदी अरब ने इजरायल और हमास को बातचीत के जरिए समस्या का हल निकालने की नसीहत दी है. सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने शुक्रवार को वाशिंगटन में कहा कि गाजा में लड़ाई को तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए...
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने तत्काल युद्धविराम (Gaza Ceasefire) के लिए आपातकालीन सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 99 का इस्तेमाल किया, उन्होंने बंधकों की रिहाई की अपील करते हुए कहा कि "हमास द्वारा की गई क्रूरता कभी भी फिलिस्तीनी लोगों की सामूहिक सजा को उचित नहीं ठहरा सकती."