इजराइल ने भी 30 और फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया. हमास की तरफ से दावा किया गया कि 10 महीने की कफिर बीबाज, उसके 4 साल के भाई और उनकी मां की इज़राइल की बमबारी में मौत हुई. हमास ने ये भी कहा कि इनके शवों को लेने से इजराइल ने इंकार कर दिया. तमाम तनावों के बीच भी युद्धविराम सातवें दिन जारी रहा.
इजरायल और हमास के बीच गुरुवार को संघर्ष विराम की समय सीमा खत्म होने से ठीक पहले इसे बढ़ा दिया गया. दोनों पक्षों ने इसकी घोषणा की. मध्यस्थता कर रहे कतर ने बताया कि यह कैदियों के बदले में बंधकों को रिहाई की पहले की शर्तों के तहत ही एक दिन के लिए जारी रहेगा. पांच बजे (GMT) युद्ध पर रोक खत्म होने से कुछ मिनट पहले इजरायल की सेना ने कहा कि संघर्ष विराम लंबा रहेगा.
सोमवार को सीजफायर (Gaza Ceasefire Extended) की समय सीमा पूरी होने के बाद इसको दो दिन और बढ़ा दिया गया था. अब एक बार फिर से इजरायल और हमास के बीच सीजफायर को एक दिन और बढ़ाने पर सहमति बन गई है.
एलन मस्क की पोस्ट की व्हाइट हाउस ने निंदा की और इसे "यहूदी विरोधी और नस्लवादी नफरत का घृणित प्रचार" कहा.
हमास के लड़ाके 7 अक्टूबर को हमले के दौरान 85 वर्षीय योचेवेद लिफशिट्ज को उनके घर से अगवा करके गाजा ले गए थे. बंधक बनाए जाने के दो हफ्ते बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.
डॉक्टर मार्गारीटा मशावी ने कहा कि जब बंधकों (Israeli Hostages) ने अपना समय बिताने के लिए कुछ लिखने के लिए पेन और पेंसिल मांगी तो हमास ने मना कर दिया गया.उनको डर था कि वे कहीं लिखित रूप से कोई जानकारी न फैला दें.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को कहा कि उनका देश सभी बंधकों की वापसी, हमास (Israel Hamas Ceasefire) के खात्मे और यह वादा करने के लिए प्रतिबद्ध है कि गाजा अब इजरायली नागरिकों के लिए खतरा पैदा नहीं करेगा.
इजरायल ने भी देश के अलग-अलग जेलों में बंद 30 बच्चों और 3 महिलाओं समेत 33 फिलिस्तीनियों को छोड़ दिया. AFP के मुताबिक, इजरायल ने अब तक अपनी जेलों से 150 फिलिस्तीनियों को रिहा किया. हमास ने 69 बंधकों को छोड़ा है. इनमें 50 इजरायली बंधक और 19 विदेशी नागरिक शामिल हैं.
गाजा के लोग सीजफायर (Israel Gaza Ceasefire) चाहते हैं तो वहीं इजरायल में इसे लोकर आमराय नहीं है. इजरायल के कुछ लोग चाहते हैं कि सीजफायर लंबा चले, ताकि बंधक हमास की कैद से छूट सकें, तो कई लोगों को लगता है कि इससे हमास को फायदा होगा.
इजरायली जेलों से रिहा किए गए लोगों में 30 नाबालिग और 3 महिलाएं शामिल हैं, जबकि गाजा से रिहा किए गए इजरायलियों में 3 फ्रांसीसी नागरिक, 2 जर्मन नागरिक और 6 अर्जेंटीना के नागरिक शामिल हैं.