राहुल गांधी ने हाल में अमेरिका की यात्रा की थी और वह अक्सर देश में समस्याओं से निपटने को लेकर मोदी सरकार की आलोचना करते रहते हैं.
PM नरेंद्र मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा के दौरान दोनों मुल्कों में रक्षा, अंतरिक्ष व व्यापार सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की खातिर कई प्रमुख उपलब्धियां हासिल की गईं.
भारतीय मूल के शीर्ष उद्योग अधिकारी सुंदर पिचई, सत्या नडेला तथा इंदिरा नूयी भी रात्रिभोज में मौजूद थे. जानी-मानी टेक कंपनी एप्पल के CEO टिम कुक भी अतिथि सूची का हिस्सा थे, और भारत सरकार के प्रतिनिधियों के रूप में विदेशमंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने भी रात्रिभोज में शिरकत की.
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि जब पीएम और राष्ट्रपति बाइडेन ने औपचारिक स्वागत के बाद चर्चा की, तो चर्चा में प्रौद्योगिकी बहुत प्रमुखता से शामिल थी.
India-US Relation: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में मुस्लिमों के अधिकारों से जुड़े एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोग कहते है नहीं, बल्कि भारत एक लोकतंत्र है और जैसा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है, भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है.’’
राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 से 24 जून को अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय अमेरिकी लोगों ने अमेरिका में बहुत लंबी यात्रा तय की है. भारतीय मूल्य के लोगों ने अमेरिका के समावेशी समाज, अर्थव्यवस्था और मजबूत बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
पीएम मोदी अपने संबोधन के दौरान भारत-अमेरिका के बीच की दोस्ती के महत्व पर भी प्रकाश डाला. साथ ही उन्होंने यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर चिंता भी व्यक्त की.
अमेरिकी संसद में पहुंचने के बाद सीनटरों ने खड़े होकर पीएम मोदी को सम्मान दिया. इसके बाद पीएम मोदी नेताओं से मिलते रहे. इस बीच मोदी-मोदी के नारे भी लगते रहे.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं धैर्य, अनुनय और नीति की लड़ाई से संबंधित हो सकता हूं. मैं विचारों और विचारधारा की बहस को समझ सकता हूं.