Ayodhya Ram Temple: अयोध्या में दिवाली की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. दिवाली के मौके पर सरयु के घाट 28 लाख दीपों से सुज्जित होंगे.
धरती पर साक्षात साकेत धाम, सूर्यवंश की राजधानी, सप्तपुरियों में अग्रणी नगरी तथा वैवस्वत मनु के साम्राज्य की राजधानी जैसे विशिष्ट अलंकार भले ही रामनगरी अयोध्या को प्राप्त हैं, मगर उसके मौजूदा स्वरूप और 2017 के पहले के स्वरूप में जमीन-आसमान का फर्क था. यू्ं तो अयोध्या के कण-कण में राम बसते हैं, मगर 500 वर्षों के पराभव काल ने अयोध्या को अपमान, अपयश, उपेक्षा और तिरस्कार के अलावा कुछ नहीं दिया.
Haryana Assembly Election 2024: कांग्रेस में शामिल होने की खबरों के बीच कन्हैया मित्तल ने एक वीडियो जारी कर सफाई दी है. उनका कहना है कि सनातन की बात करने वाले हर दल में होने चाहिए. उनका कहना है कि वो बीजेपी के सदस्य नहीं थे. उनका बीजेपी से मतभेद भी नहीं है.
अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट (Ayodhya Ram Temple) के महासचिव चंपत राय ने परिसर मं रिसाव के दावों को खारिज करते हुए कहा कि छत से पानी की एक भी बूंद नहीं टपकी और न ही कहीं से पानी गर्भगृह में घुसा. उनका कहना है कि बारिश के पानी की निकासी के लिए मंदिर में बढ़िया व्यवस्था है.
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि प्रथम तल पर बिजली के तार डाले जा रहे हैं. उसके लिए पाइप लगाई गई हैं. कुछ पाइप अभी खुले पड़े हैं, अभी पाइप से होकर बारिश का पानी नीचे तक पहुंचा है. निर्माण कार्य में किसी प्रकार की कमी नहीं है.
एनसीईआरटी की 12वीं कक्षा की पॉलिटिकल साइंस की पुरानी किताब में बाबरी मस्जिद का जिक्र 16वीं शताब्दी की मस्जिद के रूप में किया गया था.जिसे मुगल सम्राट बाबर के सेनापति मीर बाकी ने बनवाया था.नई किताब में इसे तीन-गुंबद वाली संरचना बताया गया है.
अयोध्या जिला प्रशासन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद के हाथों भाजपा की हार के लिए लोग सोशल मीडिया पर अयोध्या के विकास के नाम पर सैकड़ों लोगों के मकान और दुकानें ध्वस्त किए जाने को लेकर उपजे जन आक्रोश को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आने के बाद जीत-हार को लेकर हर जगह मंथन का दौर चल रहा है. हर कोई हैरान है कि आखिर अयोध्या जैसी सीट पर भारतीय जनता पार्टी को क्यों शिकस्त मिली.
सुल्तानपुर में पांच विधानसभा सीटें आती हैं. ये सीटें हैं इसौली, सुल्तानपुर, सुल्तानपुर सदर, कादीपुर और लंभुआ. इनमें से इसौली को छोड़कर बाकी की चार सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. सुल्तानपुर में दलित वोट करीब 22 फीसदी तो मुसलमान करीब 17 फीसदी हैं.
लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में जिन सीटों पर चुनाव होगा उनमें फैजाबाद (अयोध्या) सीट भी शामिल है. अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से यह पहला चुनाव है. इसके साथ ही कैसरगंज, लखनऊ, अमेठी और रायबरेली में भी इसी चरण में मतदान कराया जाएगा. आइए जानते हैं इन सीटों का सियासी गुणा-भाग.