अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के मुद्दे को राष्ट्र के गौरव से जुड़ा बताते हुए योग गुरु रामदेव (Yog Guru Ramdev) ने शुक्रवार को कहा कि भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं, बल्कि मुसलमानों के भी पूर्वज हैं.
प्रयागराज में कुंभ के दौरान परम धर्म संसद (Dharm Sansad) में राम मंदिर बनाने का एलान किया गया. ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वरूपानंद सरस्वती की अगुवाई में 3 दिन तक चली धर्म संसद में कहा गया कि साधू संत प्रयागराज से सीधे अयोध्या जाएंगे और 21 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम होगा.
उत्तर पदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 घंटे के भीतर अयोध्या विवाद का निपटारा करने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर मसले पर लोगों का धैर्य समाप्त हो रहा है और सुप्रीम कोर्ट इस विवाद पर जल्द आदेश देने में असमर्थ है.
लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही एक ओर जहां अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग तेज हो रही है, वहीं आरएसएस का मानना है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण का काम 2025 तक ही पूरा हो पाएगा.
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस (Congress), वाम और ‘दो तीन जज’ उन गुनहगारों में हैं जो न्याय में देरी कर अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण में अड़चन डाल रहे हैं. उन्होंने दोहराया कि आरएसएस की मांग है कि मंदिर के निर्माण के लिए सरकार अध्यादेश लाए. आरएसएस नेता ने कहा, ‘हम सरकार से संसद में चर्चा कराने की अपील करते हैं. हमारा मानना है कि जल्द से जल्द न्याय होना चाहिए. समूचे देश की भावना है कि जितनी जल्दी हो सके भगवान राम के मंदिर का निर्माण होना चाहिए.'
पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ (Constitution Bench) के सदस्य जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) ने गुरुवार को खुद को सुनवाई से अलग कर लिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक नई पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की. पीठ के बैठते ही मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि जस्टिस ललित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की पैरवी करने के लिए 1994 में अदालत में पेश हुए थे.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कांग्रेस की ओर से बड़ा बयान आया है. अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा नई बेंच के पास भेजने बाद यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि रा मंदिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो कहां बनेगा.
अयोध्या में जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा नई बेंच के पास भेजने के फैसले के बाद जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि अयोध्या मुद्दे पर बैठकर हल निकाला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भगवान राम सारी दुनिया के हैं, सिर्फ हिंदुओं के नहीं. इसे कोर्ट में क्यों घसीटा जा रहा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उसके द्वारा गठित एक 3 जजों की नई बेंच यानी उपयुक्त पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना विवाद मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आदेश देगी.
अयोध्या मामले की सुनवाई अब 10 जनवरी को नई बेंच करेगी और तीन जजों की इस पीठ का गठन 10 जनवरी से पहले कर दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच ने मुश्किल से आधा मिनट की सुनवाई में कहा कि मई बेंच अब इस मामले में अब आगे की आदेश जारी करेगी. इसके साथ ही यह भी साफ हो गया है कि नई बेंच ही तय करेगी कि मामले की सुनवाई कब से की जाए और यह भी फैसला करेगी मामले की सुनवाई नियमित की जाएगी या नहीं. आपको बता दें कि वकील हरी नाथ राम ने याचिका में कहा है कि इस मामले की अनिश्चितकाल के लिए टाला नहीं जा सकता और सुप्रीम कोर्ट को इस पर जल्द सुनवाई करे.
एनडीटीवी से शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले होना चाहिए.