लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का मामला भले ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हो, मगर इस पर बयानबाजियों का दौर जारी है. संघ से लेकर बीजेपी का एक बड़ा तबका है जो राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने की बात कह चुका है. मगर अभी तक इस पर सरकार की ओर से पुष्ट बयान नहीं आया है. हालांकि, अयोध्या मामले में बाबरी मस्जिद के पैरोकार इकबार अंसारी ने कहा है कि अगर राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाया जाता है, तो उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है.
सुरेंद्र सिंह ने कहा ''हमारे पास नरेंद्र मोदी जी जैसा प्रधानमंत्री है और योगी आदित्यनाथ जी जैसा मुख्यमंत्री. दोनों हिंदुत्व को मानते हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश उनके शासनकाल में भगवान राम टेंट में हैं''. सुरेंद्र सिंह ने कहा 'यह भारत के लिए तो दुर्भाग्यपूर्ण है ही. साथ ही हिंदू समाज के लिए भी दुर्भाग्य की बात है.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर जारी हलचलों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार के धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir in Ayodhya) का शिलान्यास निश्चित तौर पर होगा और मुख्ममंत्री योगी आदित्यनाथ ही शिलान्यास करेंगे. योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने मथुरा में कहा, "आज भारत का जनमानस अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर चाहता है. इसलिए चाहे राजनेता हों, न्यायपालिका या फिर कार्य पालिका हो, सभी को जनभावना का आदर करना चाहिए.
पात्रा ने कहा, "मैं बतौर भाजपा प्रवक्ता कोई टिप्पणी नहीं कर सकता कि इस विषय (राम मंदिर निर्माण) में संसद में कोई विधेयक आयेगा या नहीं. संसद में विधेयक पेश करना सांसदों के अधिकारक्षेत्र का मामला है."
राष्ट्रीय जनता दल ने भाजपा पर राम मंदिर के बहाने एक बार फिर हमला बोला है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि बदहवास भाजपा जिस प्रकार भगवान राम को कीचड़ में घसीट रही है वह शर्मनाक है.
अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति बनेगी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान कर दिया. सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति का निर्माण होगा. यह मूर्ति खूले में नहीं, बल्कि इनसाइड होगी.
2019 से पहले 1992 आ रहा है बल्कि आ चुका है. इंतज़ार अब इस बात का है कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी कब 1992 के इस सियासी खेल में उतरते हैं. 2014 में प्रधानमंत्री की उम्मीदवार के तौर पर नरेंद मोदी के भाषणों को याद कीजिए, क्या आपको कोई भाषण याद आता है जो मुख्य रूप से राम मंदिर पर केंद्रित हो.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का कहना है कि राम मंदिर मसले को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सुप्रीम कोर्ट को डराने-धमकाने का काम कर रहा है, जो स्वास्थ लोकतंत्र के लिए घातक है. यह देश संविधान से चलेगा, किसी भी संगठन की मनमर्जी से नहीं. पार्टी ने यह प्रतिक्रिया संघ द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर की गई हालिया बयानबाजी पर दी. राकांपा ने संघ की बयानबाजी को स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक करार देते हुए उसे तुरंत रोके जाने की बात कही है.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज दिख रही है. कभी अध्यादेश लाने की मांग हो रही है तो कभी पर्सनल मेंबर बिल लाने की बात की जा रही है. मगर इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने संकेत दिया है कि दिवाली के बाद से राम मंदिर को लेकर काम शुरू हो जाएगा. बता दें कि शनिवार को सीएम योगी राजस्थान के बीकानेर में थे और इसी दौरान उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद काम शुरू हो जाएगा.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सियासत गर्म है. पिछले कुछ दिनों से राम मंदिर निर्माण को लेकर बयानबाजियों का दौर तेज हो गया है. इसी क्रम में इस बार केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए उनसे जो बन पड़ेगा वह करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण उनका सपना है. बता दें कि बीते कुछ दिनों से यह मांग उठ रही है कि राम मंदिर बनाने के लिए सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए. हालांकि, यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीना है और जनवरी में इस पर सुनवाई होगी.