अयोध्या मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी तक टलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बड़ा बयान दिया है. यूपी के सीएम ने कहा कि न्याय में देरी से लोगों को निराशा होती है, लेकिन कोई न कोई रास्ता अवश्य निकलेगा.
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. गिरिराज सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर कहा 'अब हिंदुओं का सब्र टूट रहा है. मुझे भय है कि हिंदुओं का सब्र टूटा तो क्या होगा?.
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने आज कहा कि हिंदू समाज राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए उच्चतम न्यायालय के फैसले का अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकता. इसलिए विहिप ने गत पांच अक्टूबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राजधानी दिल्ली में मिलकर उनसे सरकार से इस संबंध में कानून लाने के लिए कहने का अनुरोध किया.
अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir in Ayodhya) को लेकर छिड़ी चर्चा के बीच भाजपा ने बड़ा बयान दिया है. पार्टी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने कहा कि भाजपा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रतिबद्ध है और वह इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करेगी. राव ने कहा कि नेताओं के एक वर्ग की मंदिर पर एक अध्यादेश लाने की मांग थी. पार्टी लोगों की भावनाओं को समझती है.
लोकसभा चुनाव 2019 की परोक्ष रुप से सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर से तैयारियां कर रही हैं. 2019 के सियासी समर में एनडीए की राह भी आसान नहीं दिख रही है. एनडीए में ऐसे कई मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर सहयोगी पार्टी अपना एक अलग स्टैंड रखते हैं. चाहे राम मंदिर का मुद्दा हो या फिर अच्छे दिन का वादा. शिवसेना से लेकर जनता दल यूनाइटेड तक बीजेपी से अपनी अलग राय रखते हैं. शिवसेना जहां राम मंदिर के निर्माण न होने पर मोदी सरकार को कोस रही है, वहीं राम मंदिर पर जदयू सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की सलाह दे रही है. गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित किया और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. शिवसेना का मानना है कि अब देश में 2014 जैसी मोदी लहर नहीं है. तो चलिए जानते हैं कि शिवसेना ने मोदी सरकार को लेकर क्या-क्या कहा है?
एक तरफ़ संघ प्रमुख मोहन भागवत कह रहे हैं कि राम मंदिर के लिए सरकार क़ानून लाएं. वहीं दूसरी तरफ केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी कह रहे हैं कि बीजेपी राम के मुद्दे पर लोगों के साथ छल न करे. उद्धव ने दशहरे पर होने वाले पार्टी के सालाना कार्यक्रम में कहा कि वह 25 नवंबर को अयोध्या जाएंगे और वहां जाकर पीएम मोदी से कहेंगे कि वो लोगों की आस्था से न खेलें. उद्वव ने कहा कि वह वहां जाकर प्रधानमंत्री से पूछेंगे कि अब तक राम मंदिर का निर्माण क्यों नहीं किया गया.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने फिर से राम मंदिर राग (Ram Mandir) छेड़ा है. उनकी मांग है कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए सरकार कानून बनाए. जानकारों का कहना है कि चुनावों से पहले अक्सर संध परिवार को मंदिर याद आता है. जबकि जो क़ानूनी स्थिति है, उसमें सरकार के लिए राम मंदिर पर क़ानून बनाना आसान नहीं है. उधर, बिहार में बीजेपी की सहयोगी दल जेडीयू संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान से इत्तेफाक नहीं रखता. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि राम मंदिर के मुद्दे पर पार्टी का स्टैंड पूरी तरह साफ है. इस मसले का हल या तो हिन्दू-मुस्लिम समाजों के प्रतिनिधि निकालें या फिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य हो, क्योंकि यह मामला अभी तक सुप्रीम कोर्ट के अधीन है. हमारा मानना है कि हमें उसके फैसले तक इंतजार करना चाहिए. इस मुद्दे को बेवजह तूल देने की जरूरत नहीं है. एक बार फैसला आ जाए फिर सभी पार्टी को इसका सम्मान करना चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विजयादशमी कार्यक्रम के मौके पर प्रमुख मोहन भागवत ने गुरूवार को सबरीमाला, एससी-एसटी समुदाय, शहरी माओवाद, पाकिस्तान और रक्षा मुद्दे से लेकर राम मंदिर पर अपनी बेबाक राय रखी. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश के रक्षा बलों को सशक्त बनाने और पड़ोसियों के साथ शांति स्थापित करने के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है. उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर यह भी कहा कि वहां नई सरकार आ जाने के बावजूद सीमा पर हमले बंद नहीं हुए हैं. वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर कहा कि राम मंदिर का बनना गौरव की दृष्टि से आवश्यक है, मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा. गौरतलब है कि आज आरएसएस का स्थापना दिवस कार्यक्रम है, जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी शामिल हुए. तो चलिए पढ़ते हैं कि किन-किन बड़े मुद्दों पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपनी बेबाक राय रखी है.
2019 के चुनावों से पहले अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर देशभर में छिड़ी चर्चा के बीच अब खुद मुगल खानदान के 'वंशज' ने इस मुद्दे को उठाया है. मुगल वंश के अंतिम बादशाह बहादुर शाह जफर का वंशज होने का दावा करने वाले याकूब हबीबउद्दीन तुसी ने भाजपा को राम मंदिर निर्माण का वादा याद दिलाते हुए कहा है कि वह इस मामले में भाजपा के सहयोगी दलों से मदद लेंगे.
तोगड़िया ने पूछा कि क्या भगवान राम के जन्म स्थान पर मंदिर बनाने के लिए कहना ‘‘पाप’’ है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर दास भूख हड़ताल पर थे. सोमवार को अयोध्या पहुंचे तोगड़िया ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की सरकार ने राम के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है...क्या राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने की मांग करना पाप है?’’