आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने फिर से राम मंदिर राग (Ram Mandir) छेड़ा है. उनकी मांग है कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए सरकार कानून बनाए. जानकारों का कहना है कि चुनावों से पहले अक्सर संध परिवार को मंदिर याद आता है. जबकि जो क़ानूनी स्थिति है, उसमें सरकार के लिए राम मंदिर पर क़ानून बनाना आसान नहीं है. उधर, बिहार में बीजेपी की सहयोगी दल जेडीयू संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान से इत्तेफाक नहीं रखता. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि राम मंदिर के मुद्दे पर पार्टी का स्टैंड पूरी तरह साफ है. इस मसले का हल या तो हिन्दू-मुस्लिम समाजों के प्रतिनिधि निकालें या फिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य हो, क्योंकि यह मामला अभी तक सुप्रीम कोर्ट के अधीन है. हमारा मानना है कि हमें उसके फैसले तक इंतजार करना चाहिए. इस मुद्दे को बेवजह तूल देने की जरूरत नहीं है. एक बार फैसला आ जाए फिर सभी पार्टी को इसका सम्मान करना चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विजयादशमी कार्यक्रम के मौके पर प्रमुख मोहन भागवत ने गुरूवार को सबरीमाला, एससी-एसटी समुदाय, शहरी माओवाद, पाकिस्तान और रक्षा मुद्दे से लेकर राम मंदिर पर अपनी बेबाक राय रखी. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश के रक्षा बलों को सशक्त बनाने और पड़ोसियों के साथ शांति स्थापित करने के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है. उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर यह भी कहा कि वहां नई सरकार आ जाने के बावजूद सीमा पर हमले बंद नहीं हुए हैं. वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर कहा कि राम मंदिर का बनना गौरव की दृष्टि से आवश्यक है, मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा. गौरतलब है कि आज आरएसएस का स्थापना दिवस कार्यक्रम है, जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी शामिल हुए. तो चलिए पढ़ते हैं कि किन-किन बड़े मुद्दों पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपनी बेबाक राय रखी है.
2019 के चुनावों से पहले अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर देशभर में छिड़ी चर्चा के बीच अब खुद मुगल खानदान के 'वंशज' ने इस मुद्दे को उठाया है. मुगल वंश के अंतिम बादशाह बहादुर शाह जफर का वंशज होने का दावा करने वाले याकूब हबीबउद्दीन तुसी ने भाजपा को राम मंदिर निर्माण का वादा याद दिलाते हुए कहा है कि वह इस मामले में भाजपा के सहयोगी दलों से मदद लेंगे.
तोगड़िया ने पूछा कि क्या भगवान राम के जन्म स्थान पर मंदिर बनाने के लिए कहना ‘‘पाप’’ है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर दास भूख हड़ताल पर थे. सोमवार को अयोध्या पहुंचे तोगड़िया ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की सरकार ने राम के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है...क्या राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने की मांग करना पाप है?’’
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए वह ‘अंतिम लड़ाई’ लड़ रही है और इस वर्ष के अंत तक संसद में एक अध्यादेश लाने के लिए भाजपा नीत केन्द्र सरकार के लिए एक ‘समय सीमा’ तय की गई है. राम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में विहिप की उच्च स्तरीय समिति की यहां हुई एक दिवसीय बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें संसद में एक अध्यादेश लाने की मांग की गई, जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विवादित स्थल पर एक भव्य राम मंदिर के निर्माण का रास्ता निकालेगा.
राम मंदिर को लेकर बीजेपी की नीयत पर अब सवाल उठाया जा रहा है. बीजेपी को कठघरे में खड़ा कर दिया गया है. ऐसा करने वाले संघ परिवार से जुड़े साधु संत हैं. पिछले साढ़े चार साल से राम मंदिर का इंतजार कर रहे इन साधु संतों के सब्र का बांध अब टूट रहा है.
लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा गरमाने वाला है. विश्व हिंदू परिषद यानी वीएचपी ने राम मंदिर के मुद्दे को फिर से उछालने की तैयारी कर ली है. राम मंदिर को लेकर 5 अक्टूबर को दिल्ली में संतो की बड़ी बैठक होने वाली है. यह बैठक वीएसपी के संत उच्चाधिकार समिति की होगी, जिसमें 30 से 35 बड़े संत हिस्सा लेंगे. बताया जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर भविष्य की रणनीति पर इस बैठक में चर्चा हो सकती है. इतना ही नहीं, राम मंदिर निर्माण के लिए कार सेवा का भी ऐलान संभव हो सकता है.
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर एक बार फिर से कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पर हमला बोला है. कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के राम मंदिर से जुड़े ताजा बयान को लेकर बुधवार को उन पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘कलयुग की कैकेयी’ भाजपा ने भगवान राम को 30 वर्षों से वनवास पर भेज रखा है तथा चुनाव के समय उन्हें राम की याद आती है.
जैसे-जैसे 2019 लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं राजनीतिक पार्टियों को फिर से अयोध्या में राम मंदिर का मामला याद आने लगा है. भारतीय जनता पार्टी के बाद अब बिहार में उसकी सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड का भी कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द होना चाहिए और जदयू ने इस मुद्दे पर लोगों से सहमति की अपील की है. जनता दल यूनाइटेड के महासचिव पवन वर्मा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रहित में है और विरोध कर रहे लोगों के भी हित में है. बता दें कि इससे पहले यूपी एक विधायक बोल चुके हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बनकर रहेगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट उनका है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मन्दिर का शीघ्र निर्माण होना चाहिए और विश्वास व्यक्त किया कि इससे हिंदुओं एवं मुस्लिमों के बीच तनाव खत्म हो जाएगा. भगवान राम को “इमाम-ए-हिंद” बताते हुए भागवत ने कहा कि वह देश के कुछ लोगों के लिए भगवान नहीं हो सकते लेकिन वह समाज के सभी वर्ग के लोगों के लिए भारतीय मूल्यों के एक आदर्श हैं. उन्होंने कहा, 'एक संघ कार्यकर्ता, संघ प्रमुख और राम जन्मभूमि आंदोलन के एक हिस्से के तौर पर मैं चाहता हूं कि भगवान राम की जन्मभूमि (अयोध्या) में जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर बनाया जाए.' संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन उन्होंने कहा, ‘अब तक यह हो जाना चाहिए था. भव्य राम मंदिर का निर्माण हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव की एक बड़ी वजह को खत्म करने में मदद करेगा और अगर मंदिर शांतिपूर्ण तरीके से बनता है तो मुस्लिमों की तरफ अंगुलियां उठनी बंद हो जाएंगी.' उन्होंने कहा कि यह देश की संस्कृति और 'एकजुटता को मजबूत' करने का मामला है, यह देश के करोड़ों लोगों के विश्वास का मुद्दा है. उन्होंने इस मुद्दे पर बातचीत का भी समर्थन किया लेकिन कहा कि अंतिम फैसला राम मंदिर समिति के पास होगा जो मंदिर के निर्माण के लिए आंदोलन चला रही है.