अयोध्या में राम मंदिर पर फैसला 11 दिसंबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों द्वारा लिया जाएगा. यह कहना है अयोध्या में आयोजित विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा में शामिल होने आए एक धार्मिक नेता का.
देश-दुनिया की राजनीति, खेल एवं मनोरंजन जगत से जुड़े समाचार इसी एक पेज पर जानें...
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में पक्षकार इकबाल अंसारी ने शनिवार को अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की धर्मसभा के मद्देनजर किये गये सुरक्षा प्रबन्धों पर संतोष जाहिर किया, मगर निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद इतनी बड़ी भीड़ जमा करने की मंशा पर सवाल भी उठाये. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग तेज करने के लिये शिवसेना और विहिप ने अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किये हैं.
अखिलेश यादव के बयान (अयोध्या में सेना को बुलाना चाहिए) का योगी सरकार मे मंत्री ओपी राजभर ने अपना समर्थन दिया है. अखिलेश यादव की तरह ही ओपी राजभर का भी मानना है कि अयोध्या में शिवसेना और वीएचपी के कार्यक्रम को देखते हुए सेना को लाया जाना चाहिए. दरअसल, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन हालात को अयोध्या के लिए ख़तरनाक बता रहे हैं. उनकी मांग है कि अयोध्या में फौज बुलाई जाए. पुलिस प्रशासन अपनी तैयारी में जुटा हुआ है. अखिलेश यादव ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि अयोध्या में वीएचपी और शिवसेना की रैलियों के मद्देनज़र सेना तैनात की जाए.
लोकसभा चुनाव के मद्दनेजर रविवार को होने वाले धर्म संसद से अयोध्या में माहौल फिर से गरमाता नजर आ रहा है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद की कल होने वाली धर्मसभा के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता अयोध्या पहुंच रहे हैं. साथ ही शिवसेना के कई कार्यकर्ता रैली के लिए अयोध्या पहुंचने लगे हैं.
उन्होंने कहा कि रामलला भी शायद यही चाहते हैं कि जिस दिन बाबरी मस्जिद ढाही गई उसी दिन से मंदिर का निर्माण शुरू हो. 6 दिसंबर 1992 का दिन भारत के इतिहास में बाबरी मंदिर विध्वंस के रूप में जाना जाता है. इसी दिन कार्यसेवकों ने महज 17 से 18 मिनट के अंदर ही बाबरी मस्जिद को ढाह दिया था. आइये जानते हैं कि इस दिन आखिर हुआ क्या था.
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है. राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का मामला भले ही अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हो, मगर नेताओं के जुबान लगातार चल रहे हैं. दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद द्वारा 25 नवंबर को धर्म सभा के आयोजन से पहले भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि जरूरत पड़ने पर उस दिन संविधान ताक पर रखकर 1992 का इतिहास दोहराया जाएगा.
इसके अलावा बड़ी संख्या में शिवसेना के कार्यकर्ता भी ट्रेन अयोध्या पहुंचने लगे हैं. विश्व हिंदू परिषद ने भी सभी लोगों से अयोध्या पहुंचने की अपील की है. अयोध्या मुद्दा गरमाने के बाद यहां फिर से 1992 जैसे हालात बनते दिखने रहे हैं. अयोध्या में भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता अभी साफ भी नहीं हुआ कि भारतीय जनता पार्टी के नेता साक्षी महाराज ने लोकसभा चुनाव से पहले ही एक और नया राग अलाप दिया. अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का विवाद अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, मगर बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने एक और चौंकाने वाला दावा किया है कि दिल्ली की जामा मस्जिद का दिल्ली के जामा मस्जिद को ध्वस्त कर देना चाहिए क्योंकि यह एक हिंदू मंदिर के स्थान पर बनाया गया है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या में राम मंदिर मामले में जानमाल के भारी नुकसान की आशंका जताई है. मध्य प्रदेश के पन्ना में अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे अखिलेश ने कहा कि भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है.