साल 2010 में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले का फैसला लिखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एस यू खान ने विवादित जगह को इन शब्दों में बयां किया था.
राममंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय का अच्छा सुझाव आया है. अदालत ने राममंदिर और बाबरी मस्जिद के पक्षकारों को अपनी भाषा में साफ संदेश दिया है. अगर इस बात को कोई नहीं समझता है तो यह उसकी खुद की भूल समझी जाएगी. अदालत ने कहा है कि अगर न्याय क्षेत्र से बाहर इस विवाद हल निकाला जाता है तो सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश भी पहल करेंगे. यह अनुकूल वक्त है, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. गरिमामयी पीठ की भाषा को दोनों धर्म और समुदाय के साथ पक्षकारों को समझना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका पर कहा कि रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद मामले दोनों पक्षों को बातचीत के आधार पर हल निकालना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि कोर्ट से बाहर बातचीत कर दोनों समुदाय के लोग मसले का हल ढूंढ लें. कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि जरूरत होगी तो कोर्ट इस मामले में मध्यस्थता करने को तैयार है. वहीं इस मामले में जब एनडीटीवी ने बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी से बात की तब उनका कहना है कि, अगर सुप्रीम कोर्ट कोई लिखित में कुछ कहता है, या हमें आदेश देता है कि आपको समझौते के लिए आना चाहिए तो हम जरूर जाएंगे. लेकिन सुब्रमण्यम स्वामी इस केस में कुछ भी नहीं है. कोर्ट हमें सीधे कहेगा तो जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसले में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 13 लोगों पर बाबरी मस्जिद विध्वंश मामले में आपराधिक साजिश का केस चलाने को मंजूरी दे दी है.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड बहुमत की सरकार बनने के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के जटिल मुद्दे का समाधान कानूनी तौर पर निकलना चाहिए. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ''अयोध्या का समाधान अदालत के फैसले से निकलना चाहिए.''
बीएमसी चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद के बाद अलग हुए बीजेपी और शिवसेना के बीच जुबानी जंग जारी है. शनिवार को ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने शिवसेना पर निशाना साधा था. रविवार को बारी शिवसेना की थी. हालांकि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने फडणवीस के बयान पर सीधे तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन इशारों में और राम मंदिर जैसे मुद्दों पर बीजेपी की खिंचाई जरूर कर दी.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवादित स्थल पर बने अस्थायी मंदिर के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, "नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सत्ता संभाले जाने पर हमने उम्मीद की थी कि अब मंदिर बन जाएगा..." दास ने कहा, "मोदी को अयोध्या आना चाहिए, हमें गारंटी देनी चाहिए और यह घोषणा करनी चाहिए कि वह अपने कार्यकाल में राम मंदिर का निर्माण करवा देंगे..."
अयोध्या में राम मंदिर के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले बीजेपी सांसद (राज्यसभा) विनय कटियार ने एनडीटीवी से बातचीत में राज्य सरकार पर लॉलीपॉप देने का आरोप लगाया.
राज्यसभा में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और यह भी कहा कि यह आवश्यक है कि राम मंदिर निर्माण मुद्दे पर सदन में चर्चा हो. उन्होंने कहा कि बीजेपी के चुनाव घोषणापत्र में भी इस बात का ज़िक्र किया गया है कि हम कानूनी तरीके से इसका समाधान निकालेंगे. उन्होंने कहा कि यह सभी दलों को स्वीकार्य भी है.