वर्ष 1990 में 6 दिसंबर को कारसेवा के दौरान बाबरी मस्जिद - राम जन्मभूमि स्थल पर स्थित विवादास्पद ढांचे को ढहाए जाने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई के लिए पहुंचे साक्षी महाराज ने कहा, "मैंने कोई अपराध नहीं किया है... मैंने कुछ गलत नहीं किया है... वस्तुत: मैं सौभाग्यशाली हूं... धरती की कोई ताकत अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण को नहीं रोक पाएगी..."
अयोध्या में राम मंदिर विवाद के समाधान के लिए बातचीत का रास्ता अपना जाने के सुप्रीम कोर्ट की सलाह का बीजेपी ने जहां स्वागत किया है, वहीं हैदराबाद से उनकी ही पार्टी के एक विधायक ने राम मंदिर के निर्माण का विरोध करने वालों का सिर काट लेने की खुली धमकी दी है.
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर शनिवार को कहा कि यह उनकी आस्था का विषय है और इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़े तो जाएंगी. उमा भारती ने संवाददाताओं से कहा, ‘राम मंदिर मेरी आस्था का विषय है. मेरे विश्वास का विषय है. मुझे इस पर गर्व है. अगर जेल भी जाना पड़े तो जाउंगी, फांसी पर लटकना पड़े तो लटक जाउंगी.’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर निर्माण के मामले में आचार्यों की धर्म संसद जो तय करेगी, आरएसएस उस पर अमल करेगा.
शिवसेना ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा अब अयोध्या में विवादित राम मंदिर बनाने की अपनी योजनाओं पर आगे बढ़ सकती है, क्योंकि देश में अभी ऐसा सामाजिक-राजनीतिक माहौल है कि मुस्लिम भी पीएम मोदी का पक्ष लेंगे.
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कहा है कि अब उत्तर प्रदेश और केंद्र, दोनों जगह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार है, इसलिए अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा का कोई बहाना अब चलने वाला नहीं है. इसलिए भाजपा जल्द ही मंदिर निर्माण की तारीख घोषित करे.
साल 2010 में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले का फैसला लिखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एस यू खान ने विवादित जगह को इन शब्दों में बयां किया था.
राममंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय का अच्छा सुझाव आया है. अदालत ने राममंदिर और बाबरी मस्जिद के पक्षकारों को अपनी भाषा में साफ संदेश दिया है. अगर इस बात को कोई नहीं समझता है तो यह उसकी खुद की भूल समझी जाएगी. अदालत ने कहा है कि अगर न्याय क्षेत्र से बाहर इस विवाद हल निकाला जाता है तो सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश भी पहल करेंगे. यह अनुकूल वक्त है, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. गरिमामयी पीठ की भाषा को दोनों धर्म और समुदाय के साथ पक्षकारों को समझना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका पर कहा कि रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद मामले दोनों पक्षों को बातचीत के आधार पर हल निकालना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि कोर्ट से बाहर बातचीत कर दोनों समुदाय के लोग मसले का हल ढूंढ लें. कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि जरूरत होगी तो कोर्ट इस मामले में मध्यस्थता करने को तैयार है. वहीं इस मामले में जब एनडीटीवी ने बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी से बात की तब उनका कहना है कि, अगर सुप्रीम कोर्ट कोई लिखित में कुछ कहता है, या हमें आदेश देता है कि आपको समझौते के लिए आना चाहिए तो हम जरूर जाएंगे. लेकिन सुब्रमण्यम स्वामी इस केस में कुछ भी नहीं है. कोर्ट हमें सीधे कहेगा तो जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसले में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 13 लोगों पर बाबरी मस्जिद विध्वंश मामले में आपराधिक साजिश का केस चलाने को मंजूरी दे दी है.