उत्तर प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड बहुमत की सरकार बनने के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के जटिल मुद्दे का समाधान कानूनी तौर पर निकलना चाहिए. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ''अयोध्या का समाधान अदालत के फैसले से निकलना चाहिए.''
बीएमसी चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद के बाद अलग हुए बीजेपी और शिवसेना के बीच जुबानी जंग जारी है. शनिवार को ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने शिवसेना पर निशाना साधा था. रविवार को बारी शिवसेना की थी. हालांकि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने फडणवीस के बयान पर सीधे तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन इशारों में और राम मंदिर जैसे मुद्दों पर बीजेपी की खिंचाई जरूर कर दी.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवादित स्थल पर बने अस्थायी मंदिर के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, "नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सत्ता संभाले जाने पर हमने उम्मीद की थी कि अब मंदिर बन जाएगा..." दास ने कहा, "मोदी को अयोध्या आना चाहिए, हमें गारंटी देनी चाहिए और यह घोषणा करनी चाहिए कि वह अपने कार्यकाल में राम मंदिर का निर्माण करवा देंगे..."
अयोध्या में राम मंदिर के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले बीजेपी सांसद (राज्यसभा) विनय कटियार ने एनडीटीवी से बातचीत में राज्य सरकार पर लॉलीपॉप देने का आरोप लगाया.
राज्यसभा में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और यह भी कहा कि यह आवश्यक है कि राम मंदिर निर्माण मुद्दे पर सदन में चर्चा हो. उन्होंने कहा कि बीजेपी के चुनाव घोषणापत्र में भी इस बात का ज़िक्र किया गया है कि हम कानूनी तरीके से इसका समाधान निकालेंगे. उन्होंने कहा कि यह सभी दलों को स्वीकार्य भी है.
सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को अनुमति दी कि वे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं।
उनके तमाम पिछले बयान यह भी दिखाते हैं कि उनके मन में भगवान राम के लिए श्रद्धा में कमी नहीं है, और उन्हें इस मुद्दे पर धर्म और राजनीति के नेताओं के बयान कभी रास नहीं आए। उनके अनुसार, ऐसे बयान देने वाले लोग धर्म की राजनीति करते हैं, और मंदिर-मस्जिद मुद्दे का हल नहीं चाहते।
साध्वी प्राची ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण वर्ष 2017 में शुरू हो जाएगा। यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने आईं साध्वी प्राची ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशे जा रहे हैं। संत समाज अब किसी दबाव में पीछे नही हटेगा।
आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा, लेकिन उन्होंने इसके लिए समयसीमा बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए तथा मुसलमानों और ईसाइयों को भी इसके निर्माण में शामिल चाहिए।