अमेरिका के नैशविले स्थित बेलमोंट यूनिवर्सिटी में इस समय राष्ट्रपति चुनाव (US Elections 2020) के लिए आखिरी प्रेसिडेंशियल डिबेट चल रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन (Joe Biden) एक बार फिर आमने-सामने हैं. दोनों के बीच तीखी बहस हो रही है. बाइडेन ने जहां कोरोनावायरस (Coronavirus) समेत कई मुद्दों पर ट्रम्प पर हमला बोला, तो वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोरोना की वैक्सीन को लेकर कहा कि वैक्सीन जल्द आने वाली है और अगले कुछ हफ्तों में इसकी घोषणा कर दी जाएगी.
जो बाइडेन अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी देश में कोरोना महामारी के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहे हैं. प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प के पास सर्दियों में कोरोना से निपटने का कोई प्लान नहीं है. किसी भी देश की तुलना में अमेरिका में इस वायरस से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. बाइडेन ने कहा, '2,20,000 अमेरिकी नागरिक मारे गए हैं. जो भी इन मौतों का जिम्मेदार है, उसे देश के राष्ट्रपति पद पर नहीं रहना चाहिए.'
डोनाल्ड ट्रम्प बोले, 'मैं आशावाद और अवसर प्रदान करूंगा, बाइडेन निराशावाद और गरीबी लाएंगे'
बाइडेन ने इस दौरान अमेरिका के चुनाव में अन्य देशों के दखल पर चेतावनी देते हुए कहा, 'मैं साफ कहूंगा कि कोई भी देश, चाहें जो भी हो, अगर वो अमेरिका के चुनाव में दखल देगा तो उस देश को कीमत चुकानी होगी. उसे भारी कीमत चुकानी होगी.' फाइनल प्रेसिडेंशियल डिबेट से एक दिन पहले अमेरिकी प्रशासन ने चेताया कि 3 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले रूस और ईरान जनता के विचारों को प्रभावित कर सकते हैं.
इससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि वह देश में आशावाद और अवसर प्रदान करेंगे, जबकि उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन निराशावाद, गरीबी और पतन लेकर आएंगे. राष्ट्रपति चुनाव को अब करीब 10 दिन का समय रह गया है. तीन नवंबर को वोटिंग होगी. ट्रम्प ने इस चुनाव को बाइडेन के 47 साल के काम बनाम अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपने 47 महीनों के काम के रूप में वर्णित किया. उन्होंने कहा, 'पिछले 47 वर्षों से जो बाइडेन आपकी नौकरी को बाहर भेज रहे हैं, आपकी सीमाओं को खोल रहे हैं.'
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चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
USAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
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दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
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