अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर अपनी जीत का दावा किया है. शनिवार को वलडोस्टा, जॉर्जिया में आयोजित की गई पहली पोस्ट-पोल रैली में ट्रंप ने कहा कि इस चुनाव (US Elections 2020) में धांधली हुई है. अंत में वह ही जीतेंगे. ट्रंप ने कहा, 'हम ये चुनाव जीत रहे हैं. हम अभी भी इसे जीतेंगे.' US के अगले राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित जो बाइडन (Joe Biden) की जीत पर वह बोले, 'ये धांधली है. ये एक फिक्स्ड डील है.'
डोनाल्ड ट्रंप ने रैली में कहा, 'जॉर्जिया के मतदाता निर्धारित करेंगे कि कौन सी पार्टी हर समिति को चलाती है, कानून का पालन करती है, हर एक करदाता के पैसों का सही इस्तेमाल करती है. बहुत आसान है, आप तय करेंगे कि आपके बच्चे समाजवादी देश में बड़े होंगे या वे स्वतंत्र देश में बड़े होंगे.'
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने फेसबुक पर दर्ज कराया मुकदमा, अमेरिकन को जॉब देने में भेदभाव के आरोप
इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर चुनाव नतीजे सटीक निकलते हैं तो वह हार स्वीकार करने को तैयार हैं. हालांकि उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना में बड़े पैमाने पर धांधली होने और चुनावी कदाचार होने के आरोप दोहराए. ट्रंप ने इस हार को अस्वीकार करते हुए चुनाव नतीजों को कानूनी चुनौती दी थी. उन्होंने कहा कि वह बस यही चाहते हैं कि अमेरिका की जनता के साथ धोखा न हुआ हो.
बता दें कि जॉर्जिया में जो बाइडन ने 12 हजार से कम वोटों से जीत दर्ज की है. बिल क्लिंटन (Bill Clinton) ने साल 1992 में यहां से जीत दर्ज की थी. उसके बाद से कोई भी डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार यहां से नहीं जीता था. जॉर्जिया रिपब्लिकन पार्टी का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था.
VIDEO: जो बाइडन ने इस तरह बदला राष्ट्रपति चुनाव का रुख
अमेरिका में वोट देने के तरीके को बदलने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप, भारत का उदाहरण देकर बताया क्या जरूरी
Written by: NDTV इंडियाकनाडा के PM मार्क कार्नी रविवार को करेंगे बड़ा ऐलान, इसके पीछे की वजह भी जानिए
Edited by: श्वेता गुप्ताUSAID Funding Case: अमेरिका का भारत के चुनाव में दखल? USAID फंडिंग को लेकर ट्रंप के बयान के बाद मचे घमासान की पूरी कहानी
Written by: प्रभांशु रंजनडोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिका के फेडरल चुनावों में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का डॉक्यूमेंट प्रूव देना अनिवार्य कर दिया है.
चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
USAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.