अमेरिका (America Elections 2020) में 3 नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे. कुछ देर पहले मौजूदा राष्ट्रपति और रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन (Joe Biden) के बीच पहली डिबेट शुरू हो चुकी है. इसे टीवी पर प्रसारित किया जा रहा है. ट्रम्प और बाइडेन अमेरिका के अलग-अलग मुद्दों पर जनता के समक्ष अपने विचार रख रहे हैं और आगामी योजनाएं बता रहे हैं. इस दौरान दोनों एक-दूसरे पर तीखे हमले भी कर रहे हैं. बाइडेन ने ट्रम्प पर निशाना साधते हुए उन्हें झूठा बताया और डिबेट के दौरान चुप रहने के लिए कहा.
जो बाइडेन ने कहा, 'सच ये है कि उन्होंने (डोनाल्ड ट्रम्प) जो कुछ भी कहा है, वो सिर्फ झूठ है. मैं यहां पर उनके झूठ गिनाने नहीं आया हूं. हर कोई जानता है कि वो झूठे हैं.' डिबेट के पहले मिनट से ही दोनों के बीच काफी गहमागहमी होने लगी थी. दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे. इस दौरान एक पल ऐसा भी आया, जब बाइडेन का पारा चढ़ गया और उन्होंने ट्रम्प से कहा, 'क्या तुम चुप रहोगे.'
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में साफ तौर पर सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की गारंटी देने से इनकार कर दिया था. उनसे पूछा गया था कि अगर नवंबर के चुनाव में वह अपने प्रतिद्वंदी जो बाइडेन से चुनाव हार जाते हैं तो पॉवर ट्रांसफर कितना आसान होगा, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कोई गारंटी नहीं दे सकते. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, 'ठीक है, अभी हम यह देखने जा रहे हैं कि होता क्या है?' व्हाइट हाउस के संवाददाता सम्मेलन में ट्रम्प से पूछा गया था कि क्या वह अमेरिका में लोकतांत्रिक शासन के सबसे बुनियादी सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध हैं?
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अमेरिका गए राहुल गांधी के बयान पर फिर बवंडर, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
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Edited by: श्वेता गुप्ताअमेरिका में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (Rahul Gandhi On Election Commission) पर निष्पक्षता से समझौता करने और सिस्टम में बहुत बड़ी गड़बड़ी होने का आरोप लगाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिका के फेडरल चुनावों में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का डॉक्यूमेंट प्रूव देना अनिवार्य कर दिया है.
चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
USAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.