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अमेरिका को नाटो में अपनी भागीदारी पर दोबारा विचार करने की जरूरत है : डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका को नाटो में अपनी भागीदारी पर दोबारा विचार करने की जरूरत है : डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवारी के दावेदार डोनाल्ड ट्रंप
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवारी के प्रबल दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने आईएस से लड़ने के लिए अमेरिका के हजारों थलसैनिकों को भेजे जाने की संभावना को खारिज कर दिया है लेकिन उन्होंने इस आतंकी संगठन को हराने के लिए वायुसैन्य शक्ति के इस्तेमाल का समर्थन किया है। ट्रंप ने यह भी कहा है कि अमेरिका को नाटो में अपनी भागीदारी पर दोबारा विचार करने की जरूरत है।

ट्रंप ने बताया, ‘‘सेना ने मुझे बताया कि हमें 20-30 हजार सैनिकों की जरूरत है। मैं 20 हजार सैनिक तैनात नहीं करूंगा। मैं निश्चित तौर पर उन्हें वायु (सैन्य) शक्ति और वायु मार्ग से समर्थन और कुछ सैन्य सहयोग दूंगा। लेकिन निश्चित तौर पर मैं 20-30 हजार सैनिक नहीं तैनात करूंगा।’’

ट्रंप ने कहा, ‘‘हमने कम से कम इराक में ही दो खरब डॉलर खर्च कर दिए हैं। हम पश्चिम एशिया में खरबों डॉलर खर्च रहे हैं। आप जानते हैं कि इस समय हम कहां हैं? हम उस स्थिति से भी पीछे चले गए हैं, जहां हम 15 साल पहले थे। हम इतनी बुरी स्थिति में हैं। पश्चिम एशिया हमारे लिए आपदा है।’’ ट्रंप ने तर्क दिया, ‘‘इस समय, हमारा देश चरमराया हुआ है। हमारे देश में सड़कों की हालत अच्छी नहीं है। अस्पताल अच्छे नहीं है। हवाईअड्डे तीसरी दुनिया के हवाईअड्डे लगते हैं।’’ ट्रंप ने देश की अर्थव्यवस्था की खराब हालत का जिक्र करते हुए देश की स्वास्थ्य सेवा, व्यापार संधियों आदि को खराब बताया।

उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को नाटो में अपनी भागीदारी के बारे में दोबारा सोचने की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने तर्क दिया कि सैन्य गठबंधन हमारे देश पर एक बड़ा आर्थिक धब्बा है क्योंकि इसके सहयोगी देश ज्यादा योगदान नहीं दे रहे।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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