अमेरिका के चुनाव सुरक्षा अधिकारियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव में धोखाधड़ी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि इसके कोई ‘‘सबूत नहीं है'' और 2020 राष्ट्रपति चुनाव ‘‘अमेरिका के इतिहास के सबसे सुरक्षित चुनाव '' थे. रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रंप लगातार चुनावी धोखाधड़ी के निराधार दावे कर रहे हैं और उन्होंने अभी तक अपनी हार स्वीकार नहीं की है.
होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की दो समितियां, जिन्होंने अमेरिकी मतदान प्रणाली की सुरक्षा के लिए काम किया था, उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘ मतदान प्रणाली के माध्यम से किसी तरह की गड़बड़ी करने, मतों के बदले जाने या किसी भी तरह की छेड़छाड़ के कोई सबूत नहीं है.''
संघीय चुनाव की रक्षा के प्रयासों की अगुवाई करने वाली समितियों के सदस्यों ने कहा, ‘‘ राज्यों में कड़ी टक्कर होने पर , कई बार मतों की दोबारा गिनती की जाती है. 2020 राष्ट्रपति चुनाव में जहां भी कांटे की टक्कर थी, वहां हरेक मत के दस्तावेज मौजूद है, जिससे आवश्यकता होने पर दोबारा उनकी गिनती की जा सके. ''
बयान में कहा, ‘‘ यह सुरक्षा और लचीलेपन का एक अतिरिक्त लाभ है. यह प्रक्रिया किसी भी गलती या त्रुटियों की पहचान कर उसमें सुधार का मौका देती है. मतदान प्रणाली के माध्यम से किसी तरह की गड़बड़ी करने, मतों के बदले जाने या किसी भी तरह की छेड़छाड़ के कोई सबूत नहीं है.''
उसने कहा, ‘‘ तीन नवम्बर को हुए चुनाव अमेरिकी इतिहास के सबसे सुरक्षित चुनाव थे.'' इस बयान पर हस्ताक्षर करने वाले अन्य लोगों में राज्य स्तर पर चुनाव करवाने वाले अधिकारी, मतदान उपकरणों के विक्रेता भी शामिल हैं.
अमेरिका में तीन नवम्बर को राष्ट्रपति चुनाव हुए थे, जिसमें कई प्रमुख मीडिया घराने डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन को विजेता घोषित कर चुके हैं.
अमेरिका गए राहुल गांधी के बयान पर फिर बवंडर, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
Edited by: श्वेता गुप्ताअमेरिका में वोट देने के तरीके को बदलने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप, भारत का उदाहरण देकर बताया क्या जरूरी
Written by: NDTV इंडियाकनाडा के PM मार्क कार्नी रविवार को करेंगे बड़ा ऐलान, इसके पीछे की वजह भी जानिए
Edited by: श्वेता गुप्ताअमेरिका में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (Rahul Gandhi On Election Commission) पर निष्पक्षता से समझौता करने और सिस्टम में बहुत बड़ी गड़बड़ी होने का आरोप लगाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिका के फेडरल चुनावों में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का डॉक्यूमेंट प्रूव देना अनिवार्य कर दिया है.
चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
USAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.