अमेरिका के संघीय और राज्य चुनाव अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि हाल ही में संपन्न हुए यूएस राष्ट्रपति चुनावों (US Presidential Elections) में किसी भी तरह की गड़बड़ी के कोई सबूत या साक्ष्य नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर कहा जा सके कि चुनावों में वोट चोरी, बदलाव या मतदान प्रणाली भ्रष्ट हुई है. देशभर में सुरक्षित और पारदर्शी मतदान के लिए उत्तरदायी संस्था के अधिकारियों ने गुरुवार को डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि डेमोक्रेट्स उम्मीदवार और चुनावों में विजेतारहे जो बाइडेन ने चुनावों में धांधली करवाई है और उनके समर्थन को वोट चोरी करवाए हैं.
चुनाव अधिकारियों ने एक वक्तव्य में कहा, "3 नवंबर को हुए चुनाव इतिहास में अब तक का सबसे सुरक्षित चुनाव रहा है."
वक्तव्य में कहा गया है, हम जानते हैं कि हमारे चुनावों की प्रक्रिया के बारे में गलत दावे करने के कई निराधार दावे और अवसर रहे हैं, लेकिन हम आपको आश्वस्त कर सकते हैं कि हमें अपने चुनावों की सुरक्षा और अखंडता पर अत्यधिक विश्वास है और आपको भी होना चाहिए."
चुनावों के बारे में यह स्टेटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर गवर्नमेंट कोऑर्डिनेटिंग काउंसिल ने जारी किया है, जो प्राथमिक संघीय चुनाव सुरक्षा निकाय, साइबर स्पेस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (CISA) के तहत एक पब्लिक-प्राइवेट समूह है. इस पर नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्टेट इलेक्शन डायरेक्टर्स और नेशनल एसोसिएशन ऑफ सेक्रेटरीज ऑफ स्टेट (जो अमेरिका में चुनाव करवाता है) ने भी दस्तखत किए हैं. इनके साथ ही यूएस एलेक्शन असिस्टेंस कमीशन के चेयरमैन ने भी इस पर हस्ताक्षर किए हैं.
अमेरिका में वोट देने के तरीके को बदलने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप, भारत का उदाहरण देकर बताया क्या जरूरी
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Written by: प्रभांशु रंजनडोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिका के फेडरल चुनावों में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का डॉक्यूमेंट प्रूव देना अनिवार्य कर दिया है.
चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
USAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.