ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी (Hassan Rouhani) ने अमेरिकी चुनाव में डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बाइडेन (Joe Biden) की जीत पर सधी प्रतिक्रिया दी है. रूहानी ने कहा कि अमेरिका की अगली सरकार के लिए यह पुरानी गलतियों को सुधारने का अवसर है.
रूहानी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर कहा, यह मौका है कि अमेरिकी सरकार पुरानी गलतियों से सबक लेकर उनकी भरपाई करे और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पालन करे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ सबसे दबाव की नीति अपना रखी थी. ईरान के साथ परमाणु समझौते से पीछे हटते हुए अमेरिका ने उस पर 2018 से कठोर आर्थिक प्रतिबंध लागू कर रखे हैं. इन प्रतिबंधों के जरिये ईरान के तेल कारोबार, बैंकिंग कामकाज और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया था.
रूहानी ने कहा, "अमेरिकी प्रशासन की पिछले तीन साल की गलत और हानिकारक नीतियों की दुनिया भर में निंदा की गई है. अमेरिकी चुनाव में भी जनता ने इसके प्रति विरोध जताया है". उन्होंने कहा, "ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के खिलाफ ईरानी जनता का कड़ा प्रतिरोध दिखाता है कि दबाव की अमेरिकी नीति विफल हो
गई है. "
वहीं ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमनेई ने मंगलवार को कहा था कि अमेरिका चुनाव परिणाम का वाशिंगटन के प्रति तेहरान की नीतियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बाइडेन ने प्रचार के दौरान कहा था कि ईरान के मामले में वह कूटनीति के विश्वसनीय रास्ते पर आगे बढ़ेंगे. उन्होंने 2015 की परमाणु डील पर वापस लौटने की संभावना भी जताई है. बराक ओबामा के राष्ट्रपति और बाइडेन के उप राष्ट्रपति रहने के दौरान यह डील हुई थी.
USAID Funding Case: अमेरिका का भारत के चुनाव में दखल? USAID फंडिंग को लेकर ट्रंप के बयान के बाद मचे घमासान की पूरी कहानी
Written by: प्रभांशु रंजनUSAID पर घमासान, ट्रंप ने कहा-'भारत के पास बहुत पैसा, हम 1.8 अरब क्यों दे रहे हैं?'
Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: पीयूष जयजानबाइडन का दर्द-ए-दिल, मैं ट्रंप को पक्का हरा देता लेकिन...
Edited by: तिलकराजUSAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.
एक्स के सीईओ एलन मस्क भारत की चुनाव प्रक्रिया के फैन हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए हैरानी जताई कि भारत में एक दिन में ही 64 करोड़ वोटों की गिनती हो गई.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बॉन्डी ने लगभग 20 वर्षों तक अभियोजक के रूप में काम किया और उस दौरान उन्होंने अपराधियों के प्रति सख्त रुख अपनाया साथ ही फ्लोरिडा को लोगों के लिए सुरक्षित स्थान बनाया.