US Election 2020: अमेरिका के रुझान बता रहे हैं कि जो बाइडेन (Joe Biden) अगले राष्ट्रपति (US President Election 2020) बनने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 'हाउडी मोदी' प्रोग्राम में 'अबकी बार ट्रंप सरकार' (Donald Trump) का नारा बुलंद किया था. बाइडेन के राष्ट्रपति बनने की सूरत में क्या विदेश मंत्रालय को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ेगी ताक़ि बाइडन उस नारे को भारत के साथ रिश्तों में आड़े न आने दें?इस सवाल और इससे जुड़े तमाम सवालों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'आपकी तरह हम भी चुनाव के नतीजों का इंतज़ार कर रहे हैं. इतना बता सकते हैं कि भारत और अमेरिका के संबंधों की बुनियाद बहुत मज़बूत है. हमारा सहयोग हरसंभव क्षेत्र में है. रणनीतिक, सुरक्षा, निवेश, व्यापार से लेकर पीपल टू पीपल संबंधों में भी. हमारा ग्लोबल स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को वहां के दोनों दलों से मजबूत सहयोग प्राप्त है. वहां के हर राष्ट्रपति और प्रशासन ने इसे और उंचा उठाया है.
जो बाइडेन ने कहा-कोई संदेह नहीं है कि मुझे विजेता घोषित किया जाएगा
गौरतलब है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन जॉर्जिया प्रांत में मतगणना में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी ट्रंप से आगे हो गए हैं. ट्रंप के लिए जॉर्जिया प्रांत में जीतना जरूरी है. यह लंबे समय से रिपब्लिकन पार्टी का गढ़ रहा है, लेकिन बाइडेन यहां से आगे चल रहे हैं. बाइडेन को ट्रंप से 917 वोट की बढ़त है.
इस मुकाबले में जीत किसकी होगी यह कहना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि हजारों वोटों की गिनती अभी बाकी है.बाइडेन 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट की ओर बढ़ रहे हैं जो राष्ट्रपति के तौर पर निर्वाचित होने के लिए जरूरी है. उन्होंने विस्कॉन्सिन और मिशीगन में जीत हासिल कर ली है. मतदान दो दिन पहले हुआ और चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन व्हाइट हाउस पहुंचने के लिए आवश्यक 270 निर्वाचक मंडल मत के करीब पहुंच गये हैं .
अमेरिका गए राहुल गांधी के बयान पर फिर बवंडर, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
Edited by: श्वेता गुप्ताअमेरिका में वोट देने के तरीके को बदलने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप, भारत का उदाहरण देकर बताया क्या जरूरी
Written by: NDTV इंडियाकनाडा के PM मार्क कार्नी रविवार को करेंगे बड़ा ऐलान, इसके पीछे की वजह भी जानिए
Edited by: श्वेता गुप्ताअमेरिका में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (Rahul Gandhi On Election Commission) पर निष्पक्षता से समझौता करने और सिस्टम में बहुत बड़ी गड़बड़ी होने का आरोप लगाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिका के फेडरल चुनावों में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का डॉक्यूमेंट प्रूव देना अनिवार्य कर दिया है.
चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
USAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.