अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (US President Election 2024) होने को है. ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर है. दोनों एक दूसरे पर भारी पड़ रहे हैं. लेकिन कमला हैरिस ने ट्रंप (Trump Harris) को पीछे छोड़ दिया है. अमेरिका के ज्यादातर वोटर्स कमला हैरिस को ऐसे उम्मीदवार के रूप में देख रहे हैं, जो मिडिल क्लास के हितों के बारे में सोचेंगी और उनकी मदद करेंगी. हिस्पैनिक और स्वतंत्र वोटर्स का उनकी तरफ झुकाव देखा जा रहा है.
न्यू फॉक्स न्यूज़ के नेशनल सर्वे में पाया गया है कि अगस्त मिड से राष्ट्रपति चुनाव में रजिस्टर्ड वोटर्स के बीच 3 प्रतिशत अंकों का बदलाव हुआ है. पिछले महीने ट्रंप को 1 अंक का फ़ायदा हुआ था, जबकि हैरिस अब 2 अंकों से आगे हैं: 50%-48%. जुलाई में ट्रंप राष्ट्रपति जो बाइडेन से 1 अंक से आगे थे.
पहली बार कमला हैरिस को 50% समर्थन मिला है और ट्रायल बैलट रिजल्ट रजिस्टर्ड और संभावित वोटर्स दोनों के बीच समान है.यह हैरानी की बात नहीं है, क्यों कि ज्यादातर अमेरिकी, जो राजनीतिक सर्वे का जवाब देने में समय लगने के लिए तैयार हैं, वे संभवतः वोट भी डालेंगे.
भले ही राष्ट्रपति चुनाव राज्यों के चुनावी वोटों से तय होते हैं, न कि टोटल नेशनल वोट से. साल 2016 में हिलेरी क्लिंटन के पास ट्रंप पर 2 पॉइंट का पॉपुलर वोट मार्जिन था, लेकिन वे इलेक्टोरल कॉलेज में 304-227 से हार गईं, जबकि 2020 में बाइडेन की 4 पॉइंट की पॉपुलर वोट जीत 306-232 इलेक्टोरल कॉलेज की जीत में तब्दील हो गई.अगस्त के सर्वे के बाद से, ऐसी कई घटनाएं हुई जिससे वोटर्स की राय प्रभावित हो सकती है.
अगस्त के बाद अगर सबसे बड़े बदलाव की बात की जाए तो स्वतंत्र और हिस्पैनिक लोगों का झुकाव कमला हैरिस की तरफ बढ़ा है. अगस्त में हिस्पैनिक लोग ट्रंप को 6 अंकों से पसंद करते थे, लेकिन आज वे हैरिस को 12 अंकों से पसंद कर रहे हैं. पिछले महीने इंडपेंडेंट लोग ट्रंप को 8 अंकों से पसंद करते थे, लेकिन अब वे हैरिस को 12 अंकों से पसंद करते हैं. यह याद रखना जरूरी है कि छोटे उपसमूहों के बीच अनुमान लगा पाना छोड़ा मुश्किल है, ये दूसरों की तुलना में ज्यादा बदलते हैं. ये अमेरिका के चुनाव में भी लागू होगा. ट्रंप को सबसे बढ़िया नंबर नियमित रूप से वर्शिप सर्विसेज में हिस्सा लेने वालों और गैर-कॉलेज श्वेत पुरुष, ग्रामीण वोटर्स और पुरुषों से मिले हैं.
वह यूनियन परिवारों, एक ऐसा समूह जिसे बाइडेन ने कम दोहरे अंकों से जीता था. लेकिन अश्वेतों और युवा वोटर्स के बीच उनकी संख्या अभी भी उनके 2020 प्री-इलेक्शन नंबर्स से थोड़ी पीछे है. डेमोक्रेट्स आशावादी हैं कि ये समूह हैरिस का ही समर्थन करेगा. हालांकि इसकी कोई गारंटी नहीं है.
कमला हैरिस ने साल 2020 के करीब सभी बाइडेन वोटर्स को (93%) को अपने साथ बनाए रखा है. वहीं ट्रंप का साथ देने वाले 2020 के लगभग सभी समर्थक (94%) अब भी उनके साथ हैं. 2020 के नॉन-वोटर्स में कमला हैरिस 3 अंक, 51%-48% से आगे हैं. अगर सिर्फ उन काउंटियों का रिजल्ट देखा जाए, जहां 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बहुत ही कांटे (बाइडेन और ट्रंप 10 अंकों के भीतर) का मुकाबला था , तो ट्रंप 50%-48% आगे हैं. एरिज़ोना, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन) में भी उनकी बढ़त ऐसी ही है.
डेमोक्रेट क्रिस एंडरसन के साथ फॉक्स न्यूज़ सर्वेक्षण करने वाले पोलस्टर डेरन शॉ का कहना है कि, " हमारा अनुमान है कि अगर ट्रंप नेशनल लेवल पर कमला हैरिस से 2 अंकों के भीतर हैं, तो वह इलेक्टोरल कॉलेज में जीत हासिल कर लेंगे.प्रमुख काउंटियों और कड़ी टक्कर वाले राज्यों में ट्रंप की बढ़त दिखाने वाले इस डेटा से पता चलता है कि यह शायद सही है."
कुल मिलाकर, 72% ट्रंप समर्थकों का कहना है कि उन्हें उनकी नीतियां और रिकॉर्ड पसंद हैं. वहीं अन्य 8% वोटर्स को उनका चरित्र पसंद है, लेकिन 19% का कहना है कि उनको कमला हैरिस पसंद नहीं है. हैरिस का समर्थन करने वालों की सोच मिली जुली है. क्योंकि 42% को उनकी नीतियां और रिकॉर्ड पसंद हैं, 24% को उनका चरित्र पसंद है, जबकि 33% हैरिस का समर्थन इसलिए कर रहे हैं, क्यों कि उनको ट्रंप पसंद नहीं हैं.
LIVE: कृषि मशीनरी पर जीएसटी सुधारों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे बैठक
Reported by: हिमांशु शेखर मिश्रा, Edited by: श्वेता गुप्ताक्या दो Voter ID होना गुनाह? कितनी सजा और जुर्माना, कैसे कराएं घर बैठे कैंसल
Written by: अमरीश कुमार त्रिवेदीबेहतर क्या है, हाथ से खाना या कांटा छुरी से? ज़ोहरान ममदानी के हाथ से खाने पर विवाद
Written by: अपूर्व कृष्णगृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को रोहतास में10 जिलों से आए कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. शाह ने कहा कि आज की बैठक सिर्फ नेताओं की नहीं, बल्कि उन कार्यकर्ताओं की है जो चुनाव जीतने की असली ताकत हैं.
Voter ID Card: किसी भी भारतीय के पास दो मतदाता पहचान पत्र होना गलत है. पैन कार्ड या आधार कार्ड जैसे दस्तावेजों की तरह तो ईपीआईसी वाले वोटर आईडी कार्ड रखना भी मुसीबत की वजह बन सकता है.
न्यूयॉर्क के मेयर चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार ज़ोहरान ममदानी के हाथ से खाना खाने पर विवाद हो गया है. भारतीय मूल के ममदानी के हाथ से चावल खाने के एक वीडियो को लेकर यह विवाद पैदा हुआ. रिपब्लिकन नेता ब्रैंडन गिल ने इस तरह से खाने को असभ्य बताया है.
अमेरिका में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (Rahul Gandhi On Election Commission) पर निष्पक्षता से समझौता करने और सिस्टम में बहुत बड़ी गड़बड़ी होने का आरोप लगाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिका के फेडरल चुनावों में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का डॉक्यूमेंट प्रूव देना अनिवार्य कर दिया है.
चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
USAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.