अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले बुधवार को दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई. यह डिबेट फिलाडेल्फिया के नेशनल कांस्टीट्यूशन सेंटर में हुई.इसमें उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी बात रखी.दूसरी डिबेट में अर्थव्यवस्था, गर्भपात, गजा-इजरायल युद्ध, अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी और कैपिटल हिल पर हुए हंगामें जैसे मामले उठे. अगर हम यह देखें कि किस शब्द का इस्तेमाल दोनों नेताओं ने सबसे अधिक किया तो वह शब्द था, अर्थव्यवस्था. कमला हैरिस ने आठ बार अर्थव्यवस्था शब्द का इस्तेमाल किया तो ट्रंप ने 12 बार इस शब्द का इस्तेमाल किया.
कितनी देर तक चली प्रेसिडेंशियल डिबेट
करीब डेढ घंटे तक चली डिबेट की शुरुआत ही अर्थव्यवस्था से हुई.इस दौरान कमला हैरिस और डोनल्ड ट्रंप ने एक दूसरे की नीतियों की जमकर आलोचना की.कमला हैरिन अपने भाषण में आठ बार अर्थव्यवस्था शब्द का इस्तेमाल किया. उन्होंने डोनल्ड ट्रंप पर उनकी सरकार में महंगाई और बेरोजगारी के चरम पर होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ट्रंप के शासनकाल में बेरोजगारी की दर ग्रेट डिप्रेशन (महामंदी) के दौर से भी बुरी थी. हैरिस ने कहा कि अगर वो राष्ट्रपति बनीं तो महंगाई को कम करने पर जोर देंगी जिससे युवा भी घर खरीद सके.
वहीं ट्रंप ने हैरिस के आरोपों को गलत बताते हुए अपने टैरिफ नीतियों का बचाव किया.इस दौरान उन्होंने 12 बार अर्थव्यवस्था शब्द का इस्तेमाल किया.
किस नेता ने किस शब्द का इस्तेमाल कितनी बार किया
इसके बाद दोनों नेताओं ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया वो इस प्रकार हैं. डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस ने इमिग्रेशन शब्द का इस्तेमाल एक बार, इजरायल का छह बार, फलस्तीन का तीन बार,रूस का दो बार, हमास के एक बार, यूक्रेन का दो बार,गर्भपात कानून का छह बार, अफगानिस्तान का एक बार, चीन का तीन बार और नैटो का दो बार इस्तेमाल किया.
वहीं अगर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप की ओर से इस्तेमाल किए गए शब्दों की बात करें तो उन्होंने चीन का इस्तेमाल पांच बार, इमिग्रेशन का दो बार, फलस्तीन का एक बार,हमास का एक बार, रूस का चार बार, यूक्रेन का तीन बार, गर्भपात कानून का छह बार, अफगानिस्तान का एक बार, अर्थव्यवस्था का 12 बार और नैटो का तीन बार जिक्र किया.
ये भी पढ़ें: कमला हैरिस से जोरदार बहस के बाद आया ट्रंप का पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा
अमेरिका गए राहुल गांधी के बयान पर फिर बवंडर, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
Edited by: श्वेता गुप्ताअमेरिका में वोट देने के तरीके को बदलने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप, भारत का उदाहरण देकर बताया क्या जरूरी
Written by: NDTV इंडियाकनाडा के PM मार्क कार्नी रविवार को करेंगे बड़ा ऐलान, इसके पीछे की वजह भी जानिए
Edited by: श्वेता गुप्ताअमेरिका में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (Rahul Gandhi On Election Commission) पर निष्पक्षता से समझौता करने और सिस्टम में बहुत बड़ी गड़बड़ी होने का आरोप लगाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिका के फेडरल चुनावों में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का डॉक्यूमेंट प्रूव देना अनिवार्य कर दिया है.
चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
USAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.