US Presidential election results 2024: अमेरिकी लोग मंगलवार को वोटिंग के दिन मतदान करने की तैयारी कर रहे हैं. अमेरिका के चुनाव अधिकारी अभी से धैर्य रखने की बात कर रहे हैं क्योंकि वे ऐतिहासिक रूप से करीबी राष्ट्रपति पद की दौड़ में मतपत्रों के मिलान की प्रक्रिया में पहले से ही लगे हुए हैं. ये अधिकारी यह बता रहे हैं कि यह पता लगाने में कई दिन लग सकते हैं कि कौन जीता है. यानी कौन बनेगा अमेरिका का अलग राष्ट्रपति..
इलेक्टोरल कॉलेज का गठन
गौरतलब है कि अमेरिकी चुनावी प्रणाली के तहत, नागरिक सीधे अपने राष्ट्रपति को वोट नहीं देते हैं. इसके बजाय, उनके मतपत्र इलेक्टोरल कॉलेज नामक समूह के 538 सदस्यों का चुनाव करते हैं, जो फिर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं.
प्रत्येक राज्य अपने इलेक्टोरल कॉलेज वोट उस उम्मीदवार के लिए डालता है जिसने उसका लोकप्रिय वोट जीता होता है. अमेरिकी कांग्रेस में अधिक प्रतिनिधियों वाले बड़े राज्यों को प्रस्ताव पर 538 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों का बड़ा हिस्सा मिलता है.
270 तक पहुंचने की रेस
डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प जरूरी 270 वोटों तक पहुंचने के लिए चुनावी मैदान में हैं. लेकिन, इस साल के चुनाव में दोनों ही नेताओं में कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है. अभी तक के सभी सर्वेक्षणों में यही बात निकलकर सामने आई है. यही कारण है कि विशेषज्ञ वोटों की गिनती में देरी और कानूनी चुनौतियों जैसी जटिलताओं के बढ़ते जोखिम की ओर अभी से इशारा कर रहे हैं.
गौर करने की बात यह है कि अमेरिका में मंगलवार 5 नवंबर से पहले लगभग 81 मिलियन लोगों ने मतदान कर लिया है, जो 2020 में डाले गए कुल मतदान का आधे से अधिक है.
गिनती कब तक है?
मतदान शाम 6:00 बजे (2300 जीएमटी) पर बंद हो जाएगा, लेकिन जब दौड़ करीबी होती है, तो विजेता को प्रमाणित करने कई दिन लग सकते हैं. ऐसा कहा जा रहा है. 2020 में, अमेरिकी मीडिया ने शनिवार 7 नवंबर को डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन को विजेता घोषित किया था, हालांकि चुनाव इससे पहले मंगलवार को खत्म हो गया था. 2016 और 2012 में मतदाताओं को कम इंतजार करना पड़ा था.
बता दें कि वोट डाले जाने के बाद स्थानीय चुनाव अधिकारी, जिन्हें नियुक्त या निर्वाचित किया जा सकता है, वे वोटों की गिनती की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं और वोटों की गिनती करवाते हैं. वोटों की गिनती और मिलान के तरीके एक राज्य से दूसरे राज्य में अलग हो सकते हैं. यह इसलिए कहा जाता है कि कई राज्यों ने वोटिंग के दिन से पहले गिनती के लिए मेल-इन या विदेशी वोटों को तैयार करने की अनुमति देने के लिए चुनावी कानूनों में बदलाव किया है. हालांकि पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन ने इसी तरह के बदलाव नहीं किए हैं. ये दोनों राज्य ऐसे चुनावी मैदान हैं जो किसी भी पार्टी की ओर झुक सकते हैं. चूंकि 5 नवंबर तक मेल-इन मतपत्रों को प्रोसेस करने की अनुमति नहीं है, इससे गिनती धीमी होने की संभावना है.
जानकारों का कहना है कि विशेष रूप से वोटों की गिनती में करीबी लड़ाई के चलते दोबारा गिनती की संभावना बनी हुई है.
विजेता को प्रमाणित कौन करता है?
अकसर देखा जाता है कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा विजेताओं की घोषणा की प्रतीक्षा करने के बजाय, अमेरिकी में कई समाचार आउटलेट मतदान में जो देखते हैं उसके आधार पर कौन आगे है इसे बता देते हैं. लेकिन यह प्रक्रिया आधिकारिक नहीं है और परिणामों को राज्य स्तर पर अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया जाता है. उसे विजेता घोषित किया जाता है. इन परिणामों में प्रत्येक मतपत्र का हिसाब रखा जाता है.
हर राज्य के लिए अपने परिणामों को प्रमाणित करने की समय सीमा 11 दिसंबर है. प्रत्येक राज्य के नियुक्त एलेक्टर्स अपने लोकप्रिय वोट में जीतने वाले उम्मीदवार (राष्ट्रपति पद प्रत्याशी) को अपना वोट देते हैं.
25 दिसंबर तक, प्रत्येक राज्य के चुनावी प्रमाणपत्र सीनेट के अध्यक्ष, जो उपराष्ट्रपति होता है (वर्तमान में कमला हैरिस ) को भेज दिए जाते हैं. 20 जनवरी को नए राष्ट्रपति के शपथग्रहण से पहले, 6 जनवरी को कांग्रेस परिणामों की गिनती और पुष्टि करती है.
USAID Funding Case: अमेरिका का भारत के चुनाव में दखल? USAID फंडिंग को लेकर ट्रंप के बयान के बाद मचे घमासान की पूरी कहानी
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
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दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.
एक्स के सीईओ एलन मस्क भारत की चुनाव प्रक्रिया के फैन हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए हैरानी जताई कि भारत में एक दिन में ही 64 करोड़ वोटों की गिनती हो गई.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बॉन्डी ने लगभग 20 वर्षों तक अभियोजक के रूप में काम किया और उस दौरान उन्होंने अपराधियों के प्रति सख्त रुख अपनाया साथ ही फ्लोरिडा को लोगों के लिए सुरक्षित स्थान बनाया.