अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के दावेदार विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रीय कर्ज संकट को दूर करने के लिए जीरो-बेस फेडरल बजटिंग का प्रस्ताव रखा है, जो अब बढ़कर 33 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि अमेरिकी में वाकई में कर्ज का संकट है और इसे ठीक करने के लिए पॉलिटिक्स के बाहर से एक सीईओ को लाया जाएगा. विवेक रामास्वामी ने कहा कि यहां हम कर्ज क्राइसिस को कैसे ठीक कर सकते हैं, इसके लिए जीरो-बेस फेडरल बजटिंग का प्रस्ताव है.
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राष्ट्रपति उम्मीदवारी के दावेदार रामास्वामी ने कहा कि हर विभाग के लिए जीरो से शुरू करें और पिछले साल के बजट को डिफ़ॉल्ट के रूप में लेने के बजाय पूछें कि क्या खर्च करने की जरूरत है. विवेक रामास्वामी ने कहा कि कोई भी अच्छा सीईओ इस गड़बड़ी को इसी तरह से संभालेगा. यह कुछ ऐसा है, जिसे रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों ही पीछे छोड़ सकते हैं.
विवेक रामास्वामी ने कह कि दुर्भाग्य से इस देश में एक भी रेड और ब्लू स्टेट नहीं है, जो वास्तव में इसे फॉलो करता हो. उन्होंने कहा कि अब उन्होंने एफडीए अप्रूव्ड पांच दवाएं विकसित करके अरबों डॉलर की बायोटेक कंपनी बनाई है, जो कि जिसने बड़े फार्मा में नौकरशाही को खत्म कर दिया. विवेक ने कहा कि उन्होंने ईएसजी ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ ब्लैकरॉक और वैनगार्ड के साथ बराबरी करने के लिए एक इंसर्जेंट एसेट्स मैनेजर का निर्माण किया. अब उनकी नजर फेडरल गवर्मेंट में सबसे बड़ी ब्यूरोक्रेसी पर है.
विवेक रामास्वामी ने कहा कि अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज 33 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पर है और यह लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमें इसको ठीक करने के लिए राजनीति से बाहरी और सच्चे व्यक्ति की जरूरत है. उन्होंने अमेरिका की जनता से खुद को चुनने की अपील की.
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अमेरिका गए राहुल गांधी के बयान पर फिर बवंडर, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
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डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिका के फेडरल चुनावों में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का डॉक्यूमेंट प्रूव देना अनिवार्य कर दिया है.
चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
USAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
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दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.