अमेरिका में जैसे-जैसे राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Elections) करीब आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के दावे और वादे भी तेज हो गए हैं. राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार लगातार जारी है. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने पिछले दिनों कहा था कि नवंबर में होने वाला चुनाव अगर वह नहीं जीते तो अमेरिका में खून-खराबा होगा. ट्रंप ने मंगलवार को अपने उसी बयान को एक बार फिर से दोगुनी तेजी से दोहराया है. उन्होंने अपने समर्थकों के सामने अमेरिकी समुदायों को अवैध अप्रवासियों द्वारा लूट,रेप और नरसंहार का सामना किए जाने का जिक्र किया.
ट्रंप ने सीमा सुरक्षा को लेकर भी अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन को जमकर घेरा. अपनी भड़काऊ टिप्पणी में ट्रंप ने बाइडेन सरकार पर "नरसंहार, अराजकता और हत्या" का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बाइडेन राज में अमेरिका नशीली दवाओं से भरा हुआ है और विदेशी आपराधिक गिरोहों से घिरा हुआ है. ट्रंप ने ग्रैंड रैपिड्स, मिशिगन में भविष्य को लेकर आगाह करने वाले भाषण में कहा, "मैं आज आपके सामने यह ऐलान करने के लि आया हूं कि बाइडेन सीमा नरसंहार... यह खून-खराबा है, इससे हमारा देश खत्म हो रहा है, यह बहुत ही गलत हो रहा है." ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि जिस दिन वह अमेरिका की सत्ता संभालेगे, उस दिन ये सब खत्म हो जाएगा.
बता दें कि नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से जो बाइडेन के सामने चुनावी मैदान में हैं. उन्होंने रिपब्लिकन नेशनल कमेटी द्वारा बिडेनब्लडबाथ.कॉम लॉन्च करने पर बात की, यह जो बाइडेन द्वारा समर्थित उकसाए गए आक्रमण" की चेतावनी देने वाली एक वेबसाइट के बारे में है. वहीं ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में ओहियो में विदेशी देशों में ऑटो विनिर्माण नौकरियों के संभावित नुकसान के बारे में बात करते हए कहा कि अगर वह चुनाव नहीं जीते तो देश में खून-खराबा शुरू हो जाएगा.
वहीं ट्रंप के इस बयान की जो बाइडेन अभियान और डेमोक्रेट्स ने आलोचना की है. उन्होंने ट्रंप के इस भाषण को "राजनीतिक हिंसा" भड़काने वाला बताया. इस टिप्पणी पर ट्रंप सहयोगी ने नाराजगी जाहिर की है, उन्होंने कहा कि यह साफ है कि टाइकून ने आर्थिक तबाही के बारे में बताने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया. बता दें कि ट्रंप अपने बयानों की वजह से लगातार चर्चा में बने हुए हैं. इस तरह के 'नफरती भाषण' के लिए उनकी अक्सर आलोचना होती है. विशेषज्ञों को डर है कि ट्रंप के ऐसे भाषण से हिंसा का खतरा बढ़ रहा है, चाहे उनके कई मुकदमों के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट में हो या उनकी रैलियों में कोई जिक्र हो. वहीं ट्रंप ने तो अवैध अप्रवासियों की तुलना जानवरों तक से कर दी.
ये भी पढ़ें-डेमोक्रेट को वोट देने वाले यहूदियों को अपने धर्म और इजरायल से नफरत: ट्रंप
ये भी पढ़ें-न्यूयॉर्क नागरिक धोखाधड़ी मामले में डॉनाल्ड ट्रंप 464 मिलियन डॉलर का बॉन्ड जुटाने में असमर्थ : वकील
अमेरिका में वोट देने के तरीके को बदलने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप, भारत का उदाहरण देकर बताया क्या जरूरी
Written by: NDTV इंडियाकनाडा के PM मार्क कार्नी रविवार को करेंगे बड़ा ऐलान, इसके पीछे की वजह भी जानिए
Edited by: श्वेता गुप्ताUSAID Funding Case: अमेरिका का भारत के चुनाव में दखल? USAID फंडिंग को लेकर ट्रंप के बयान के बाद मचे घमासान की पूरी कहानी
Written by: प्रभांशु रंजनडोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिका के फेडरल चुनावों में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का डॉक्यूमेंट प्रूव देना अनिवार्य कर दिया है.
चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
USAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.