रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने कसम खाई है कि अगर वह 2024 में अगले अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में चुने जाते हैं तो वह 6 जनवरी के सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को माफ कर देंगे. पिछले महीने रिपब्लिकन प्राइमरी प्रेसिडेंशियल डिबेट में अहिंसक प्रदर्शनकारियों के "राजनीतिक उत्पीड़न" के लिए अमेरिकी न्याय विभाग की निंदा करने के बाद 38 वर्षीय भारतीय अमेरिकी उद्यमी ने काफी लोकप्रियता हासिल की है.
विवेक रामास्वामी ने क्या कहा
उन्होंने एक बयान में कहा, “अमेरिका में अब दो-स्तरीय न्याय प्रणाली है: एंटीफ़ा और बीएलएम दंगाई आज़ाद घूमते हैं जबकि 6 जनवरी को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों को बिना जमानत के जेल में डाल दिया जाता है. बाइडेन के 'अन्याय विभाग' ने 6 जनवरी से संबंधित अहिंसक अपराधों के लिए 1,000 से अधिक गिरफ्तारियां की हैं, जो लेडी जस्टिस और हमारी कानूनी प्रणाली के मूलभूत सिद्धांतों पर काली छाया डालती है.''
इस देश को एकजुट करने के लिए, मैं राष्ट्रपति के रूप में उन सभी अमेरिकियों को माफ करने के लिए प्रतिबद्ध हूं जो राजनीतिकरण वाले संघीय मुकदमों का निशाना थे और जिन्हें उचित प्रक्रिया से वंचित किया गया था. इसमें सभी शांतिपूर्ण, अहिंसक 6 जनवरी के प्रदर्शनकारी शामिल हैं, जिन्हें उनके संवैधानिक उचित प्रक्रिया अधिकारों से वंचित कर दिया गया था." 6 जनवरी के दंगे में 2,000 से अधिक लोगों ने यूएस कैपिटल में प्रवेश किया क्योंकि सांसदों ने 2020 के चुनाव के परिणामों को प्रमाणित किया, जिसमें राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रम्प को हराया.
क्या है कैपिटल हिंसा
ट्रम्प के भाषण के बाद भीड़ ने कैपिटल पर धावा बोल दिया, जो कैपिटल मैदान से कुछ ही दूरी पर एक रैली में बोल रहे थे. अपने भाषण में, ट्रम्प ने चुनाव में धोखाधड़ी का दावा किया और तत्कालीन उपराष्ट्रपति माइक पेंस से परिणामों को पलटने का आह्वान किया. इस दंगे के कारण अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी पुलिस जांच हुई, जिसमें सैकड़ों लोगों पर आपराधिक अपराधों का आरोप लगाया गया.
रामास्वामी ने कहा कि वह अमेरिका में पुलिस शक्ति के हथियारीकरण को समाप्त कर देंगे और कहा कि प्रत्येक रिपब्लिकन उम्मीदवार को कठिन मुद्दों पर स्पष्ट होना चाहिए. उन्होंने रविवार को कहा कि हालांकि उन्हें नवंबर 2024 के अमेरिकी चुनावों के लिए पार्टी का उम्मीदवार बनने की उम्मीद है, लेकिन अगर पूर्व राष्ट्रपति नामांकन हासिल कर लेते हैं तो वह ट्रम्प को वोट देंगे.
रामास्वामी ने ट्रम्प का समर्थन करने की कही बात
उन्होंने ट्रम्प को क्षमा करने का इरादा भी व्यक्त किया, जो वर्तमान में कई कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. रामास्वामी ने एबीसी न्यूज को बताया, “यदि डोनाल्ड ट्रम्प नामांकित व्यक्ति हैं - हाँ, मैं उनका समर्थन करूँगा, और यदि मैं राष्ट्रपति हूं, हां, तो मैं उन्हें माफ़ कर दूंगा क्योंकि इससे देश को फिर से एकजुट करने में मदद मिलेगी. लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण काम नहीं है जो मैं अगले राष्ट्रपति के रूप में करने जा रहा हूं. यह इस देश को आगे बढ़ाने के लिए अहम भूमिका है.''
पिछले महीने शुरुआती रिपब्लिकन प्राइमरी प्रेसिडेंशियल डिबेट में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद, उद्यमी से राजनेता बने रामास्वामी ने अपनी साथी भारतीय अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी, दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए लोकप्रियता में वृद्धि देखी है. ट्रम्प अभियान द्वारा साझा किए गए एक जनमत सर्वेक्षण से पता चला है कि रामास्वामी (15 प्रतिशत के साथ) अब पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प (68 प्रतिशत) के बाद दूसरे स्थान पर हैं. फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस अब 13 प्रतिशत और तीसरे स्थान पर हैं.
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USAID Funding Case: अमेरिका का भारत के चुनाव में दखल? USAID फंडिंग को लेकर ट्रंप के बयान के बाद मचे घमासान की पूरी कहानी
Written by: प्रभांशु रंजनUSAID पर घमासान, ट्रंप ने कहा-'भारत के पास बहुत पैसा, हम 1.8 अरब क्यों दे रहे हैं?'
Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: पीयूष जयजानबाइडन का दर्द-ए-दिल, मैं ट्रंप को पक्का हरा देता लेकिन...
Edited by: तिलकराजUSAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.
एक्स के सीईओ एलन मस्क भारत की चुनाव प्रक्रिया के फैन हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए हैरानी जताई कि भारत में एक दिन में ही 64 करोड़ वोटों की गिनती हो गई.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बॉन्डी ने लगभग 20 वर्षों तक अभियोजक के रूप में काम किया और उस दौरान उन्होंने अपराधियों के प्रति सख्त रुख अपनाया साथ ही फ्लोरिडा को लोगों के लिए सुरक्षित स्थान बनाया.