फिलस्तीनियों ने इजरायल पर दक्षिणी गाजा में भीषण हवाई हमले करने का आरोप लगाया है.
मारे गए 15 पत्रकारों में से 11 फ़िलिस्तीनी, तीन इज़रायली और एक लेबनानी थे. इसके अलावा, 8 पत्रकारों के घायल होने और 3 के लापता होने की भी सूचना है.
इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट ने कहा कि हम शांति चाहते हैं लेकिन अगर हमास वहां है तो शांति नहीं होगी. हम जानते हैं कि निर्दोष लोग मारे गए हैं, लेकिन हमास उन्हें जाने नहीं दे रहा है.
मुस्तफा बरगौटी ने कहा कि इजरायल के हमले में 1,700 से अधिक बच्चे मारे गए हैं और हजारों लोग अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं.
‘ऑपरेशन अजय’ के तहत विशेष उड़ान सुविधा उन भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए 12 अक्टूबर को शुरू की गईं, जो हमास के इजराइल पर सात अक्टूबर को किए गए हमलों के बाद पैदा हुए हालात के मद्देनजर स्वदेश लौटना चाहते हैं.
Israel-Hamas war : इजरायल ने आक्रमण शुरू करने से पहले उत्तरी गाजा में नागरिकों को दक्षिण की ओर जाने के लिए कहा और बाद में आरोप लगाया कि हमास इजराइली हवाई हमलों के खिलाफ गाजावासियों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.
भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा, "हमने भारत का इजरायल के लिए अविश्वसनीय भावनात्मक समर्थन देखा. मुझे लगता है कि पीएम मोदी और भारत स्थिति को समझते हैं. उन्होंने सबसे पहले इस आतंकी हमले की आतंकी हमले के तौर पर निंदा की. बाकी देशों ने शुरुआत में ऐसा नहीं किया था.
रूस की तरफ से कहा गया है कि बेंजामिन नेतन्याहू के साथ फोन पर बातचीत के दौरान व्लादिमीर पुतिन ने गाजा पट्टी में जारी हिंसा को रोकने के लिए रूस द्वारा उठाए जा रहे कदमों की चर्चा की.
पिता ने कहा कि आखिरी बार जब उन्होंने बेटी डेनिएल से बात की थी, तो उसने कहा था कि वो जल्द ही अपने प्रेमी के साथ शादी करने की योजना बना रही है.
21-वर्षीय इज़रायली युवती मिया स्केम ने कहा, "वे मेरी देखभाल कर रहे हैं, इलाज कर रहे हैं, दवा दे रहे हैं... सब कुछ ठीक है... मैं जल्द से जल्द अपने परिवार, माता-पिता, भाई-बहनों के पास घर लौटना चाहती हूं... कृपया हमें जितनी जल्दी हो सके, यहां से बाहर निकालें..."