इस आतंकी हमले में अब तक 1300 से ज्यादा इजरायली मारे गए हैं. वहीं, गाजा पट्टी में 1800 लोग इजरायल के जवाबी हमलों में अपनी जान गंवा चुके हैं. जंग में अमेरिका के 27 नागरिकों की भी मौत हो गई है. कई लापता हैं.
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चला आ रहा विवाद अब एक खतरनाक मोड़ पर है. फिलिस्तीनी संगठन हमास के साथ इजरायल की 7 दिनों से जंग चल रही है. दोनों ओर से रॉकेट-मिसाइल दागे जा रहे हैं. बमबारी की जा रही है. इजरायल ने गाजा पट्टी में घुसकर हमास के खात्मे की बात कही है. इसके लिए इजरायल ने गाजा के लोगों को 24 घंटे के अंदर दूसरी महफूज जगह चले जाने को कहा है. गाजा पट्टी में सायरन बच रहे हैं. बॉर्डर पर भारी तादाद में इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) के टैंक पहुंच गए हैं. इस बीच इजरायली सेना ने शुक्रवार को कहा कि घनी आबादी वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र गाजा पर अपेक्षित जमीनी हमले से पहले ग्राउंड फोर्सेस ने पिछले 24 घंटों में छापे मारे.
हमास गाजा पट्टी से ही इजरायल पर बमबारी कर रहा है. यहीं से उसने 7 अक्टूबर को इजरायल की तरफ रॉकेट दागे थे. इन हमलों के बीच इजरायल ने 9 अक्टूबर को गाजा पट्टी पर दोबारा से कब्जा कर लिया था. इजरायल ने हमास के खात्मे के लिए गाजा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. गाजा में इजरायल ने खाने-पीने की सप्लाई, बिजली, फ्यूल और गैस की सप्लाई रोक दी है.
सूत्रों ने बताया कि तेल अवीव से 200 भारतीय यात्रियों को लेकर एक और विमान के शनिवार को यहां पहुंचने की उम्मीद है. हमास आतंकवादियों द्वारा पिछले शनिवार को इजराइल पर ताबड़तोड़ हमले किए जाने और फिर इजराइल की जवाबी कार्रवाई के बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया था, जिसके परिणामस्वरूप स्वदेश वापसी के इच्छुक लोगों को वापस लाने के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू किया.
इजरायल पर हमास के हमले और उसके बाद जंग का ऐलान ऐसे समय पर हुआ है, जब नेतन्याहू रिश्वतखोरी के आरोपों के साथ-साथ अपनी सरकार के प्रस्तावित न्यायिक सुधार पर विरोध का सामना कर रहे हैं.
रूस 24 फरवरी 2022 से यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहा है. इजरायल-हमास की जंग पर व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि आवासीय क्षेत्रों में भारी हथियारों का इस्तेमाल सभी पक्षों के लिए गंभीर नतीजे ला सकता है.
गाजा पर जमीनी हमले के लिए इजरायल ने 2 लाख सैनिक तैनात किए हैं. 3.60 लाख सैनिक रिजर्व रखे गए हैं. अमेरिका हमास से लड़ने में इजरायल की भरपूर मदद कर रहा है. लेकिन जानकारों की मानें, तो गाजा में घुसकर हमास को खत्म करना इजरायल के लिए आसान नहीं है. गाजा में हमास की खुफिया सुरंगों को पार करना इजरायली सेना के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
इन सुरंगों का इस्तेमाल हमास अपने लड़ाकों, हथियारों और यहां तक कि अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के लिए करता है. ये सुरंगें कहां से निकलती हैं और कहां खत्म होती हैं, उनका पता लगाना बेहद मुश्किल है. कई बार हमास आतंकी किसी घर से सुरंग खोदतें हैं, जो सीमा पार किसी दूसरे घर में खुलती है. ऐसे में ऊपर से भी उनकी निगरानी नहीं की जा सकती है.
संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादियों ने चेतावनी दी है कि विस्थापितों तक आवश्यक आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंचने के कारण गाजा में भोजन, पानी, बिजली और महत्वपूर्ण आपूर्ति खत्म होने के कगार पर है.
गाजा शहर की 10 लाख से अधिक की आबादी में ज्यादातर उन शरणार्थियों के वंशज हैं, जो 1948 में इसकी स्थापना के समय इजरायल से भाग गए थे या अपने घरों से निकाल दिए गए थे.