राजस्थान में 7 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2018) के लिए प्रचार के आखिरी दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अयोध्या में राम मंदिर (Ram Temple) को लेकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर ( Masood Azhar) को चेताया और कहा कि अगर वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में अगर उसने धमकी दी तो भारत का अगला सर्जिकल स्ट्राइक उसी के ऊपर होगा. दरअसल, ऐसी रिपोर्ट आई है कि आतंकी मसूद अजहर ने हाल ही में राम मंदिर निर्माण को लेकर धमकी दी है और कहा है कि अगर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होता है तो वह भारत में तबाही मचाएगा.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने दावा किया है कि केंद्र सरकार असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन (एआईएमआईएम) की मदद से राममंदिर के मुद्दे पर दंगों की साजिश रच रही है. ठाकरे ने यह सनसनीखेज आरोप सोमवार रात यहां पार्टी की एक रैली में लगाते हुए कहा, ‘‘केंद्र सरकार राममंदिर के मुद्दे पर एआईएमआईएम के साथ मिलकर दंगे भड़काने की कोशिश कर सकती है’’.
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण (Ram temple at Ayodhya) को लेकर सियासत गर्म है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की बात कहते हुए योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramde) ने कहा कि अगर मंदिर नहीं बनता है तो बीजेपी लोगों का विश्वास खो देगी. रविवार को अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने कहा कि ' 'एक लोकतंत्र में संसद न्याय के लिए शीर्ष मंदिर है और नरेंद्र मोदी सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए एक अध्यादेश ला सकती है.'
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर का निर्माण केवल भाजपा करवा सकती है, और किसी में इतनी हिम्मत नहीं है. राम मंदिर के मुद्दे ने भाजपा का भले से ज्यादा नुकसान किया है, क्योंकि विपक्षी पार्टियां अल्पसंख्यक को डराने और वोटों के धुव्रीकरण के लिए इसका इस्तेमाल करती रही हैं.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर न सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी तेज है, बल्कि राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ भी काफी सक्रिय हो गया है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की कवायद में जुटा आरएसएस आज से देश की राजधानी दिल्ली में यात्रा निकाल रहा है. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज से दिल्ली में संकल्प रथ यात्रा निकाला है. ये यात्रा 9 दिन चलेगी. इस यात्रा की शुरुआत झंडेवालां मंदिर से हुई. 9 दिसंबर को जब ये यात्रा ख़त्म होगी तब विश्व हिंदू परिषद एक धर्म सभा का आयोजन कर रही है. इस यात्रा में स्वदेशी जागरण मंच और संघ की इकोनॉमिक विंग के साथ सभी संस्थाएं शामिल हो रही हैं.
धारवाड़ से बीजेपी के सांसद प्रह्लाद जोशी ने आने वाले शीत सत्र में इस मसले पर प्राइवेट मेंबर बिल लाने का ऐलान किया है. उन्होंने अयोध्या में जुटे साधु-संतों को ये आश्वासन दिया है. संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से शुरू हो रहा है.
फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा कि पीएम (PM Narendra Modi) कहते हैं कि मेरी मां को गाली दिया, मेरे बाप को गाली दिया. क्या यह एक पीएम को शोभा देता है?
चर्चा के दौरान अब्दुल्ला ने कहा, 'जब भगवान राम पूरी दुनिया के हैं और हर जगह विराजमन हैं तो आप अयोध्या में ही राम मंदिर क्यों बनाना चाहते हैं?' अब्दुल्ला की इस टिप्पणी पर वहां मौजूद जदयू नेता पवन वर्मा ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और पूछा कि 'अयोध्या में राम मंदिर क्यों नहीं बना सकते?' वर्मा ने पूछा कि अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थल, ऐसे में हिंदू वहां मंदिर बनाना चाहते हैं तो क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए? वर्मा ने कहा, 'अगर हिंदू वहां मंदिर चाहते हैं तो उन्हें बनाने दें. सवाल यह नहीं है कि क्या मंदिर बनाया जाना चाहिए? सवाल यह है कि मंदिर कैसे बनाया जाएगा- बल से, हिंसा से, आपसी समझौते से या फिर कोर्ट के आदेश से.'
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से अयोध्या में राम मंदिर का मामला गरमाया जा रहा है, उसे लेकर जदयू के पूर्व नेता और वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने मोदी सरकार और बीजेपी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि चुनाव से ठीक पहले मंदिर का मुद्दा उठाने का मकसद है देश को बांटना है. वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद की ‘धर्म संसद’ को लेकर सोमवार को भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि चुनाव से पहले मंदिर का मुद्दा उठाया जाता है ताकि देश को बांटा जा सके. शरद यादव ने कहा कि देश की उम्र बढ़ने के साथ लोकतांत्रिक मर्यादा का क्षरण हो रहा है जो बहुत चिंता की बात है.
अयोध्या में राम मंदिर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन चाहे जितना ही शोर मचाए मगर हकीकत यह है कि मोदी सरकार का संसद के शीतकालीन सत्र में राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने का कोई इरादा नहीं है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इसकी सुनवाई का इंतजार करना चाहिए.