उन्होंने कहा कि रामलला भी शायद यही चाहते हैं कि जिस दिन बाबरी मस्जिद ढाही गई उसी दिन से मंदिर का निर्माण शुरू हो. 6 दिसंबर 1992 का दिन भारत के इतिहास में बाबरी मंदिर विध्वंस के रूप में जाना जाता है. इसी दिन कार्यसेवकों ने महज 17 से 18 मिनट के अंदर ही बाबरी मस्जिद को ढाह दिया था. आइये जानते हैं कि इस दिन आखिर हुआ क्या था.
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है. राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का मामला भले ही अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हो, मगर नेताओं के जुबान लगातार चल रहे हैं. दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद द्वारा 25 नवंबर को धर्म सभा के आयोजन से पहले भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि जरूरत पड़ने पर उस दिन संविधान ताक पर रखकर 1992 का इतिहास दोहराया जाएगा.
इसके अलावा बड़ी संख्या में शिवसेना के कार्यकर्ता भी ट्रेन अयोध्या पहुंचने लगे हैं. विश्व हिंदू परिषद ने भी सभी लोगों से अयोध्या पहुंचने की अपील की है. अयोध्या मुद्दा गरमाने के बाद यहां फिर से 1992 जैसे हालात बनते दिखने रहे हैं. अयोध्या में भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता अभी साफ भी नहीं हुआ कि भारतीय जनता पार्टी के नेता साक्षी महाराज ने लोकसभा चुनाव से पहले ही एक और नया राग अलाप दिया. अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का विवाद अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, मगर बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने एक और चौंकाने वाला दावा किया है कि दिल्ली की जामा मस्जिद का दिल्ली के जामा मस्जिद को ध्वस्त कर देना चाहिए क्योंकि यह एक हिंदू मंदिर के स्थान पर बनाया गया है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या में राम मंदिर मामले में जानमाल के भारी नुकसान की आशंका जताई है. मध्य प्रदेश के पन्ना में अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे अखिलेश ने कहा कि भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शनिवार को अयोध्या के लिए रवाना होंगे जहां 25 नवंबर को वो साधु-संतों से भी मुलाकात करेंगे. इसकी घोषणा उन्होंने पार्टी की विजयादशमी रैली के दौरान की थी. गुरुवार को ठाकरे छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्मस्थली पुणे की जुन्नार तहसील स्थित शिवनेरी किला पहुंचे थे जहां की मिट्टी लेकर वो अयोध्या जाएंगे.
राम मंदिर निर्माण को लेकर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अपने लाव-लश्कर के साथ अयोध्या शनिवार को अयोध्या जा रहे हैं. पार्टी ने इसके लिए भव्य तैयारी की है. शिवसेना कार्यकर्ताओं जत्था गुरुवार को भी मुंबई से अयोध्या के लिए रवाना हुआ है
लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का मामला भले ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हो, मगर इस पर बयानबाजियों का दौर जारी है. संघ से लेकर बीजेपी का एक बड़ा तबका है जो राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने की बात कह चुका है. मगर अभी तक इस पर सरकार की ओर से पुष्ट बयान नहीं आया है. हालांकि, अयोध्या मामले में बाबरी मस्जिद के पैरोकार इकबार अंसारी ने कहा है कि अगर राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाया जाता है, तो उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है.
सुरेंद्र सिंह ने कहा ''हमारे पास नरेंद्र मोदी जी जैसा प्रधानमंत्री है और योगी आदित्यनाथ जी जैसा मुख्यमंत्री. दोनों हिंदुत्व को मानते हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश उनके शासनकाल में भगवान राम टेंट में हैं''. सुरेंद्र सिंह ने कहा 'यह भारत के लिए तो दुर्भाग्यपूर्ण है ही. साथ ही हिंदू समाज के लिए भी दुर्भाग्य की बात है.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर जारी हलचलों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार के धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir in Ayodhya) का शिलान्यास निश्चित तौर पर होगा और मुख्ममंत्री योगी आदित्यनाथ ही शिलान्यास करेंगे. योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने मथुरा में कहा, "आज भारत का जनमानस अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर चाहता है. इसलिए चाहे राजनेता हों, न्यायपालिका या फिर कार्य पालिका हो, सभी को जनभावना का आदर करना चाहिए.