बेन-हैम के अनुसार, इस जघन्य हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करना और भारत सरकार की ओर से समर्थन का मजबूत संदेश मिलना इजराइल के लिए जरूरी था, जहां काफी संख्या में लोग हताहत हुए हैं.
उन्होंने कहा, सरकार ने अब एक हॉटलाइन स्थापित की है और उन परिवारों के साथ समन्वय करने के लिए एक जनरल की प्रतिनियुक्ति की है, जिनके अपनों का का अपहरण कर लिया गया है.
इजरायल पर हमास के इस हमले में अब तक 3000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इन मौतों और तबाही के पीछे मोहम्मद डायफ को सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है. आइए जानते हैं आखिर मोहम्मद डायफ कौन है? इसकी इजरायल-फिलस्तीन युद्ध में क्या भूमिका है?
सूत्रों ने कहा है कि कांग्रेस का बयान पार्टी के भीतर विभाजन को उजागर करता है. वर्किंग कमेटी की बैठक में इजरायल-हमास युद्ध पर प्रस्ताव को सभी ने पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया था.
NDTV की टीम इजरायल के एस्केलॉन शहर में जिस होटल में रुकी है, वहां मंगलवार रात गाजा से रॉकेट हमला हुआ. ये रॉकेट होटल में आकर गिरा. उस पल क्या हुआ? दहशत के वो 10 मिनट कैसे थे? ये सब कैमरे में कैद हुआ है.
गाजा अभी हमास संगठन के नियंत्रण पर है. गाजा पर हमास का कंट्रोल होने के बाद भी इजरायल इसकी समुद्री, हवाई और जमीनी सीमा से गाजा पट्टी पर निगरानी रखता है. ऐसा हमास को हो रही हथियारों की सप्लाई पर निगरानी के लिए किया जाता है.
इजरायल और गाजा के बीच चल रहे युद्ध (Israel Gaza War) से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. एस्केलॉन के जिस होटल में एनडीटीवी की टीम रुकी हुई है वहां रॉकेट से हमला किया गया. रॉकेट हमले में होटल को कुछ नुकसान हुआ है.
इजरायल में हमास से लड़ने के लिए 1973 के बाद पहली बार यूनिटी गवर्नमेंट बनेगी. पीएम नेतन्याहू ने इसका ऐलान किया है. वहीं, इज़रायली सेना का कहना है कि गाजा पट्टी (Gaza Border)के आसपास हमास के 1500 लड़ाकों के शव मिले हैं.
इजरायली सेना (Israel Army) और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के बीच चार दिनों से संघर्ष(Israel Palestine Conflict) जारी है. हमलों के बीच मरनेवालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इज़रायली सेना का कहना है कि गाजा पट्टी (Gaza Border)के आसपास हमास के 1500 लड़ाकों के शव मिले हैं. वहीं, 7 अक्टूबर से शुरू हुए संघर्ष में अब तक कुल 3000 लोगों की मौत हो गई है. इजरायल में 900 लोग मारे गए हैं, जबकि 2300 लोग घायल हैं. इजरायल में हमास से लड़ने के लिए 1973 के बाद पहली बार यूनिटी गवर्नमेंट बनेगी.
इजरायल के मिलिट्री इंटेलिजेंस के पूर्व प्रमुख रिटायर्ड मेजर जनरल अमोस याडलिन ने मंगलवार दोपहर को ही NDTV से कहा कि अगर पीएम मोदी शांति के लिए मध्यस्थता की कोशिश करते हैं, तो इजरायल उसका स्वागत करेगा. लेकिन हमास शांति नहीं चाहता है.