कमला हैरिस हों या डोनाल्ड ट्रंप दोनों में आपस में आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है. दोनों ही प्रत्याशी जनता के बीच जाकर अपनी-अपनी सरकार बनने की स्थिति में प्राथमिकताएं बता रहे हैं. सत्ता में आने के लिए वे दोनों लोगों को बता रहे हैं कि चुनाव जीतने के बाद वे कौन-कौन से अहम फैसले लेंगे या फिर किस दिशा में सरकार काम करेगी. कमला हैरिस स्वास्थ्य और लोकतंत्र बचाने के नाम पर चुनाव लड़ रही हैं तो डोनाल्ड ट्रंप अर्थव्यवस्था के खस्ताहाल के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं.
अमेरिका को कुछ ही महीनों में अपना नया राष्ट्रपति मिल जाएगा. 5 नवंबर को वोटिंग होनी है और फिर परिणाम आ जाएंगे और जनवरी में नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे. फिलहाल चुनाव प्रचार का अंतिम दौर चल रहा है. डेमोक्रैट की उम्मीदवार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस लगातार सभाएं कर रही हैं और लोगों तक अपनी बात पहुंचा रही हैं. उधर, रिपब्लिकन उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वे अपने भाषणों में डेमोक्रैटिक सरकार की नाकामियां गिना रहे हैं और सवाल खड़ा कर रहे हैं कि कैसे और क्यों कमला हैरिस की सरकार यदि बनती है तो अलग होगी.
US Presidential Elections 2024: दुनिया के सबसे सटीक अर्थशास्त्री के रूप में जाने जाने वाले बरॉड ने आखिर डोनाल्ड ट्रंप की जीत की भविष्यवाणी क्यों की है, इसके पीछे खास वजह है.
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी प्रक्रिया जारी है. 5 नवंबर (5 November Voting in United States) को मतदान है और फिर साफ हो जाएगा कि कौन देश का अलगा राष्ट्रपति होगा. देश के दोनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशी पूरा जोर लगा रहे हैं. डेमोक्रैट्स की ओर से उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) और रिपब्लिकन की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) चुनावी मैदान में हैं. दोनों ही प्रत्याशी और उनकी टीमें प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे हैं. ऐसे में अब सभी के मन में यही सवाल होगा कि कौन आगे चल रहा है. इस संबंध में ताज़ा सर्वे क्या कहते हैं. यूएसए टुडे की खबर के मुताबिक हाल ही में जारी सर्वे के अनुसार कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप में कांटे की टक्कर चल रही है. मामला मामूली से बढ़त का है.
ग्राउंड लेवल पर अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन को कवर करने वालों का कहना है कि वहां की महिलाएं कमला हैरिस को ट्रंप (Kamala Harris Donald Trump) के मुकाबले ज्यादा पसंद कर रही हैं. अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव की दिशा और दशा तय करने में ये फैक्टर अहम भूमिका निभा सकता है.
अमेरिका में चुनाव 5 नवंबर को होने हैं, जिसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे हैं और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का लक्ष्य अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनकर इतिहास रचना है.
वोटिंग (US presidential election) को करीब दो हफ्तों का समय बचा है एक खबर आई है जिससे डोनाल्ड ट्रंप को दिक्कत हो सकती है. यह खबर हिटलर के बारे में ट्रंप की सोच को लेकर आई है. आरोप है कि कथित तौर पर डोनाल्ड ट्रंप ने बतौर राष्ट्रपति अपने कार्यालय के एक अधिकारी से कहा था कि उसके पास हिटलर के जनरल जैसे जनरल होते. यह बात द एटलांटिक में छपी है.
डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हुए हैं. कैंपेन के दौरान वह मैकडॉनल्ड्स में पहुंचे और खुद फ्रेंच फ्राइज़ बनाकर अपने समर्थकों को परोसे.
अमेरिका में इस बात की चिंता जताई जा रही है कि अगर ट्रंप कमला हैरिस से चुनाव हार जाते हैं तो उनकी प्रतिक्रिया क्या होगी. क्या वह एक बार फिर से साल 2020 जैसी कोशिशें करेंगे?
अमेरिका में अगले राष्ट्रपति के लिए चुनावी प्रक्रिया जारी है. डेमोक्रेटिक उम्मीदवार और रिपब्लिकन उम्मीदवार को कांटे की टक्कर बताई जा रही है. अमेरिका में भी पोल सर्वे भी हो रहे हैं. अमेरिका में तीन नए प्रमुख चुनाव सर्वेक्षण हुए हैं. इन चुनाव पूर्व सर्वे में कौन बनेगा अमेरिका का राष्ट्रपति इसके संकेत मिल रहे हैं. संकेत मिलता है कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर मामूली बढ़त बनाए हुई हैं. अमेरिका में आगामी 5 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए जोरों से तैयारी चल रही है.
US Presidential Elections 2024: ट्रंप ने पहले जो बाइडेन की मानसिक सेहत पर सवाल उठाए थे. जिसकी वजह से उनको राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर होना पड़ा था. अब ट्रंप खुद ही निशाने पर आ गए हैं. कमला हैरिस उन पर सवाल उठा रही हैं.
AGEL ने मंगलवार को IG-रेटेड हाइब्रिड RG नोट्स लॉन्च किए लेकिन सावधानीपूर्वक विचार के बाद, इसे अमेरिकी चुनावों के बाद स्थगित करने का निर्णय लिया.
सीक्रेट सर्विस ने कहा कि उसे गिरफ्तारी के बारे में पता था और शनिवार को हुई इस घटना के दौरान न तो ट्रंप और न ही रैली में शामिल होने वाले लोग किसी खतरे में थे.
US President Elections : क्या ईरान, चीन और रूस अमेरिकी चुनावों को निशाना बना रहे हैं. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ ऐसी ही आशंका जताई है. इसके बाद अमेरिकी ग्रैंड जूरी ने हैकिंग और साइबर जासूसी से संबंधित आरोपों में तीन ईरानियों पर कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं.