बाइडेन ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और मजबूत करने की बात की. पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन में उपराष्ट्रपति रहे बाइडेन ने भारत के स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं 15 साल पहले भारत के साथ ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौते को मंजूरी देने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा था. मैंने कहा कि यदि भारत और अमेरिका निकट मित्र और सहयोगी बनते हैं, तो दुनिया अधिक सुरक्षित हो जाएगी.’’
भारतीय मूल की अमेरिकी सीनेटर कमला हैरिस ने अमेरिका में नवंबर में होने वाले उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार चुने जाने के बाद अपने पहले भाषण में अपनी मां श्यामला गोपालन को याद किया और कहा कि उन्होंने ही उन्हें मुश्किल समय में हाथ पर हाथ रखकर बैठने और शिकायत करने के बजाए हालात में सुधार के लिए काम करने की सीख दी थी.
रेडियो साक्षात्कार में, ट्रम्प ने अपने ही वाइस प्रेजिटेंड,माइक पेंस की प्रशंसा की, लेकिन स्पष्ट रूप से कहा: "लोग उपराष्ट्रपति के लिए मतदान नहीं करते हैं, वे वास्तव में नहीं करते हैं. "आप एक उप-राष्ट्रपति बनने के लिए जॉर्ज वाशिंगटन को चुन सकते हैं, चलो अब्राहम लिंकन को उठाते हैं, वो मृतकों से वापस आ रहे हैं. आप मानिए लोग अभी उपराष्ट्रपति के लिए मतदान नहीं कर रहे हैं. "
Kamala Harris : उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस की बहन ने अपने ट्वीट में एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "बिना ये जाने कि हमारी मां कौन थीं, आप ये नहीं जान सकते हैं कि कमला हैरिस कौन हैं. उनकी कमी बहुत ज्यादा महसूस हो रही है, लेकिन ये जानते हैं कि वह और हमारे पूर्वज आज खुश हो रहे होंगे."
नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन ने भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला हैरिस को अपने उप-राष्ट्रपति के पद के लिए कैंडिडेट के तौर पर चुना है, जिसके बाद से भारतीय समुदाय में काफी उत्साह देखा जा रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वह कमला हैरिस से तब भी कतई प्रभावित नहीं हुए थे, जब वह प्राथमिक चुनावों के दौरान डेमोक्रेटिक नामांकन पाने के लिए प्रयास कर रही थीं, जिन्हें अंततः जो बिडेन ने जीता.
जो बिडेन (Joe Biden) डेमोक्रिट पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के संभावित हैं. बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव इसी साल नवंबर में होना है. अब डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से जो बिडेन रिपब्लिकन उम्मीद और वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती देंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को देरी से कराने का सुझाव दिया है. गौरतलब है कि इस समय ट्रंप चुनाव में बुरी तरह से पिछड़ रहे हैं. कोरोनोवायरस का हवाला देते हुए ट्रंप ने कहा कि कोरोना के समय में मतदान कराना सही नहीं होगा. ट्रम्प ने एक ट्वीट में पूछा, "जब तक लोग ठीक से, सुरक्षित रूप से और सुरक्षित रूप से मतदान नहीं कर सकते तब तक चुनाव में देरी ???"
वर्मा ने कहा, ‘‘ वह (बाइडेन) हमारे नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेंगे. इसका मतलब है कि सीमा पार आतंकवाद के मामले में और जब उसके (भारत के) पड़ोसी यथास्थिति बदलने की कोशिश करेंगे तो वह भारत के साथ खड़े रहेंगे.’’
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा है कि अगर वह नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं, तो वह भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय एच-1बी वीज़ा पर लागू अस्थायी निलंबन को खत्म कर देंगे.
आम तौर पर डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए वोट करने वाले भारतीय-अमेरिकी तीन नवंबर के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के ट्रंप के पक्ष में जा रहे हैं. मैथ्यूज ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप भारत के लोगों और अमेरिका में लाखों भारतीय-अमेरिकियों से मिले व्यापक समर्थन के लिए काफी आभारी हैं.’’
अमेरिका (America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) के एक पूर्व सहयोगी की किताब से US में हड़कंप मचा हुआ है. किताब के हवाले से यह कहा गया है कि ट्रम्प ने चीन (China) के नेता शी जिनपिंग (Xi Jinping) से 2020 में फिर से चुनाव जीतने के लिए मदद की गुहार लगाई.
नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया के साथ किसी भी तरह की बातचीत या संबंधों को पूरी तरह से तोड़ लिया है, जिसकी अमेरिका ने आलोचना की थी, जिसपर नॉर्थ कोरिया ने उसे धमकी दी है.
कोरोना वायरस की वजह से उपजे हालात उन नेताओं के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं जिनको इस साल चुनाव का सामना करना पड़ा है. उन नेताओं में सबसे बड़ा नाम हैं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. कोविड19 बीमारी पूरी दुनिया में पैर पसार रही थी तो राष्ट्रपति ट्रंप ने इसको कोई खास तवज्जो नहीं दी थी और कहा था कि अमेरिका इस बीमार से निपटने के लिए वैक्सीन खोज लेगा. लेकिन इस बयान से लेकर अब तक के आए नतीजों पर ध्यान दें तो दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका वैक्सीन तो नहीं खोज पाया लेकिन उसकी साख पर बुरी तरह से बट्टा जरूर लग गया. अमेरिका में इस समय 13,29,260 कोरोना के मरीज हैं. जिसमें 2410059 केस एक्टिव हैं यानी या तो इनका इलाज चल रहा है या फिर मौत हो चुकी है. कुल मृतकों की संख्या 79526 है. ये आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है. न्यूयॉक जैसा शहर जिसे दुनिया के सबसे आधुनिक शहरों में गिना जाता है वहां पर वेंटिलेटर तक कम पड़ गए. इसी बीच न्यूयॉर्क के गवर्नर और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच तीखी बहस और एक दूसरे पर आरोप लगाने का भी दौर चला.
उन्होंने कहा कि जो बाइडेन के पास लंबा अनुभव और चरित्र है कि वह हमारे कठिन दौर में हमारा मार्गदर्शन कर सकते हैं और लंबे समय तक उबरने के दौरान वह संकटमोचक हो सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा विश्वास है कि जो में अभी राष्ट्रपति होने के लिए जो भी गुण होने चाहिए वह सब मौजूद हैं.’’